इंदौर की मिलों को सिटी फॉरेस्ट बनाने की मांग,  पर्यावरण प्रेमियों ने बनाई मानव श्रृंखला

पर्यावरण प्रेमी मंच के द्वारा मालवा मिल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई गई। इसमें शहर के कई सामाजिक संगठन और प्रबुद्धजन शामिल हुए। सभी ने बताया कि शहर के नागरिक बैनर, पोस्टर के साथ मानव श्रंखला में आए।

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Sanjay gupta
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INDORE. इंदौर एक समय मिलों का शहर था, लेकिन समय के साथ कपड़ा मिल बंद होती गई, लेकिन यहां की लंबी-चौड़ी जमीन आज अरबों की कीमत की हो चुकी है। जहां सरकार इन्हें बेचकर रिवेन्यू कमाना चाहती है वहीं अब पर्यावरण प्रेमियों की मांग है कि इनकी जमीनों पर सिटी फारेस्ट बना दिए जाएं।

यह की गई मांग

इंदौर में तापमान बढ़ता जा रहा है और बारिश भी कम होती जा रही है। इसके बावजूद लगातार पेड़ों की कटाई जारी है। इंदौर में बंद पड़ी कपड़ा मिलों के पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए रविवार को शहरवासी मालवा मिल चौराहे पर एकजुट हुए। पर्यावरण प्रेमी मंच के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के लोगों से पेड़ों की रक्षा के लिए एकजुट होने का आव्हान किया।

यह हुए शामिल

जन आंदोलन में अलग अलग संगठनों के सौ से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। पद्मश्री जनक पलटा, ओपी जोशी, एसएल गर्ग, डीके वाघेला, स्वप्निल व्यास, अभय जैन, श्याम सुंदर यादव, किशोर कोडवानी, अजय लागू समेत कई संगठन, संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

पर्यावरण के लिए जरूरी है यह दम

पर्यावरण प्रेमी मंच के द्वारा मालवा मिल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई गई। इसमें शहर के कई सामाजिक संगठन और प्रबुद्धजन शामिल हुए। सभी ने बताया कि शहर के नागरिक बैनर, पोस्टर के साथ मानव श्रृंखला में आए। नागरिकों को पत्रक दिए गए और बताया गया कि किस तरह से इंदौर में असहनीय गर्मी होती जा रही है। शहर में भूजल स्तर कम हो रहा है और बारिश भी बेहद कम होने लगी है। इन सबके बावजूद सरकार और प्रशासन पेड़ों की कटाई रोकने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं। हम महापौर, सांसद और शहर के कई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को इसके लिए ज्ञापन दे चुके हैं। अब हम जन जागरण कर रहे हैं और जनता को इसके लिए इकट्ठा कर रहे हैं।

सरकार से कर रहे मांग

सभी ने बताया कि पूरा आंदोलन जनसहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें कई संगठन और संस्थाओं के कार्यकर्ता और सामाजिक लोग जुड़े हुए हैं। सभी का उद्देश्य एक ही है कि इंदौर में पेड़ों की कटाई को रोका जाए। हम सरकार और प्रशासन से मांग करेंगे की प्राकृतिक रूप से बने कपड़ा मिलों के शहरी वन को सिटी फारेस्ट घोषित किया जाए। 

इंदौर में इस तरह घट रही हरियाली...

1. शहर की 34 लाख जनसंख्या में अभी सिर्फ दस लाख पेड़। वहीं 31 लाख पंजीकृत वाहन।
2. पिछले पांच वर्षों में 1.5 लाख पेड़ कटे (आई.आई.टी. इंदौर)।
3. 1970 की तीस प्रतिशत हरियाली... घटकर 9 प्रतिशत रह गई।
4. 2019 के बाद लू (हीट वेव) के दिन 19 से बढ़कर 25 हो गई।
5. इस गर्मी में 11 दिन, तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहा तथा 23 मई को 44.5 डिग्री तक रहा।
6. इंदौर की कुछ रातें राजस्थान के जयपुर एवं चुरु से अधिक गर्म रही।

 

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