भोपाल में डेंगू-चिकनगुनिया (Dengue-Chikungunya ) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मलेरिया विभाग ( malaria department ) और नगर निगम लार्वा सर्वे (larva survey ) के लिए कई टीमों को उतारा है। टीम केवल कागजों पर सर्वे करती दिख रही हैं। भोपाल के एम्स के हॉस्टल (AIIMS Hostel ) में तीन डेंगू और एक चिकनगुनिया के नए मामले मिले है। अब शहर में डेंगू मरीजों की संख्या 170 के पार पहुंच गई है। वहीं चिकनगुनिया ( Chikungunya ) के 20 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।
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जहां मरीज वहीं दवाईयों को छिड़काव
डेंगू, चिकनगुनिया के बढ़ते मरीजों के बावजूद कीटनाशक दवाओं के छिड़काव जिम्मेदार विभाग गंभीर नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों का ये बेतूका बयान सामने आ रहा है कि जहां डेंगू के केस मिल रहे हैं। पिछले साल अगस्त तक महज 130 मरीज ही सामने आए थे, लेकिन इस बार न सिर्फ मरीजों की संख्या ज्यादा दर्ज हुई है बल्कि बीते साल के मुकाबले मरीजों की संख्या बढ़ोतरी है।
एम्स अस्पताल के आसपास मरीज
डेंगू चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। यहां करीब 25 से ज्यादा मरीज डेंगू के और 10 से ज्यादा चिकनगुनिया के मरीज ट्रेस हुए हैं। जानकारी के अनुसार नगर निगम और जिला मलेरिया कार्यालय की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शहर में भर रहे पानी के स्थानों को खाली कराया जा रहा है। जहां पानी ज्यादा दिन रुक रहा है, वहां गम्बूसिया मछली (gambusia fish ) छोड़ी जा रही है।
क्या है गम्बूसिया मछली
गम्बूसिया एक ऐसी मछली है जिसको उस जगह पर पाला जाता है जहां पर मच्छर बड़ी संख्या में रहते थे। भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में एक सदी से भी अधिक समय से मच्छर नियंत्रण रणनीति (weed control strategy ) का हिस्सा रही है। आम तौर पर समझा जाता है कि मछली मच्छरों के प्रजनन के खिलाफ एक अच्छी जैविक नियंत्रण विधि (biological control method ) है।
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