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BHOPAL. लोकसभा चुनाव में मिशन-29 को फतह करने के लिए बीजेपी ने क्लस्टर प्रभारियों का फॉर्मूला अपनाया, लेकिन यह ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ। चार क्लस्टर में मतदान में कमी आई, जबकि तीन क्लस्टर में मिला-जुला असर देखने को मिला है। दरअसल, बीजेपी ने मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के लिए अपने दिग्गज नेताओं को सीधे मैदान में उतारा था। इन्हें बूथ मैनेजमेंट से लेकर वोटर्स को साधने और समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी। मंशा यही थी कि बीजेपी के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो और प्रत्याशी बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करें। अब मतदान के बाद के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं कि यह फॉर्मूला अपेक्षाकृत रूप से असरकारी नहीं रहा।
7 क्लस्टर में बांटा था 29 सीटों को
मध्य प्रदेश की 29 सीटों को 7 क्लस्टर में बांटा गया था। इसमें चार क्लस्टर इंदौर, जबलपुर, रीवा और उज्जैन में वोटिंग प्रतिशत में कमी आई है। इन सीटों की जिम्मेदारी क्रमश: डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ( Deputy CM Deora ), मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ), मंत्री प्रहलाद पटेल और मंत्री विश्वास सारंग को दी गई थी। वहीं डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के गृह क्षेत्र रीवा लोकसभा सीट पर भी वोटिंग में कमी आई है।
दिग्गज नेताओं के क्लस्टर में मतदान
1. रीवा क्लस्टर: इसकी जिम्मेदारी मंत्री प्रहलाद पटेल के पास थी। क्लस्टर में रीवा, सीधी, सतना और शहडोल सीट को शामिल किया गया था। इन सीटों पर औसत रूप से 10.47 प्रतिशत मतदान कम हुआ।
2. जबलपुर क्लस्टर: इस क्लस्टर में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंडला सीट को रखा गया था। इन सीटों पर 2019 के मुकाबले औसतन 5.01 प्रतिशत कम मतदान दर्ज किया गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इस क्लस्टर के प्रभारी बनाए गए थे।
3. इंदौर क्लस्टर: इस क्लस्टर में मालवा और निमाड़ की सीटें इंदौर, धार, खंडवा, रतलाम और खरगोन सीट को शामिल किया गया था। इसकी जिम्मेदारी डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के पास थी। यहां 4 प्रतिशत कम वोटिंग हुईं
4. उज्जैन क्लस्टर: इस क्लस्टर में उज्जैन, देवास और मंदसौर सीट को रखा गया था। मंत्री विश्वास सारंग उज्जैन क्लस्टर के प्रभारी थे। इन तीन सीटों पर औसतन 2.71 प्रतिशत कम मतदान दर्ज किया गया है।
भूपेंद्र सिंह की एक सीट पर मतदान कम
बीजेपी के सात क्लस्टर में से तीन पर मिला-जुला असर नजर आया। भोपाल क्लस्टर की कमान डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के हाथ में थी। यहां पांच सीटें आती हैं। क्लस्टर की दो सीटों पर मतदान में बढ़ोतरी और तीन सीटों पर गिरावट आई है। वहीं 4 सीटों वाले सागर की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा ने संभाली। यहां सिर्फ एक सीट पर मतदान में वृद्धि हुई, जबकि ग्वालियर-चंबल क्लस्टर प्रभारी पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की एक सीट पर मतदान में गिरावट और तीन में बढ़त दर्ज की गई है।