भोपाल. पशु पालन व चिकित्सा विभाग के उप संचालक ( Deputy Director of Animal Husbandry and Medical Department ) रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं। मामला मुरैना का है। यहां पदस्थ पशु पालन व चिकित्सा विभाग के उप संचालक आरपीएस भदौरिया अपने ही विभाग के लेब टेक्निीशियन से रिश्वत ले रहे थे। रिश्वत की यह दूसरी किश्त थी। इस दौरान ही उन्हें ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने दबोच लिया।
आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना में वसूली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पशु पालन विभाग में आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना ( Acharya Vidyasagar Gausamvardhan Yojana ) के तहत मिलने वाली राशि के लिए विभाग के लेब तकनीशियन सतेंद्र मावई ने भी आवेदन किया था। इस योजना के तहत अनुदान देने के लिए उप संचालक आरपीएस भदौरिया ने कर्मचारी से 15 हजार की रिश्वत मांगी। साथ ही पहले 7 हजार रुपए ले भी लिए, लेकिन सतेंद्र मावई ने लोकायुक्त से शिकायत कर दी। लोकायुक्त ( Lokayukta ) ने मामला दर्ज कर आरपीएस भदौरिया को रंगे हाथों पकड़ने के लिए प्लान बनाया। सतेंद्र मावई के माध्यम से दूसरी किश्त कब और कैसे देनी है, पूरा प्लान फिक्स किया। दूसरी किश्त में 3 हजार रुपए देने के लिए मंगलवार का दिन फिक्स हुआ। तय प्लान के अनुसार मावई उप संचालक कार्यालय में आरपीएस भदौरिया को तीन हजार रुपए देने गए। जैसे ही उन्होंने तीन हजार रुपए लिए, वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उन्हें दबोच लिया।