मनचाहा ट्रांसफर हुआ कैंसिल तो पूर्व जज और जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ने लगाई याचिका

श्याम चरण उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता ने यह बताया कि अभी 18 दिनों पहले ही उनका छिंदवाड़ा से जबलपुर ट्रांसफर किया गया था और सोमवार की शाम 4 बजे विभाग के द्वारा दोबारा एक आदेश जारी किया गया।

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Neel Tiwari
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छिंदवाड़ा से हाल ही में ट्रांसफर होकर जबलपुर आए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष श्याम चरण उपाध्याय अभी ठीक से जबलपुर में सेट भी नहीं हो पाए थे कि उनका दोबारा ट्रांसफर छिंदवाड़ा कर दिया गया मात्र 18 दिनों के भीतर दोबारा किए गए ट्रांसफर के विरोध में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। श्याम चरण उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता ने यह बताया कि अभी 18 दिनों पहले ही उनका छिंदवाड़ा से जबलपुर ट्रांसफर किया गया था और सोमवार की शाम 4 बजे विभाग के द्वारा दोबारा एक आदेश जारी किया गया। जिसमें उनका पिछला ट्रांसफर कैंसिल कर वापस छिंदवाड़ा ज्वाइन करने के लिए आदेशित किया गया। याचिकाकर्ता का पक्ष था कि उन्हें जबलपुर सहित तीन जिलों का प्रभार मिला हुआ है और वह इन जिलों के लिए काम करते हुए आदेश भी जारी कर रहे हैं तो इस स्थिति में एक साल के पहले दोबारा उनका ट्रांसफर किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।

निवेदन पर मिला था जबलपुर ट्रांसफर

इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस की युगल पीठ में हुई और कोर्ट ने पाया कि जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष का ट्रांसफर उनके ही निवेदन पर जबलपुर किया गया था और पिछला आदेश विभाग के द्वारा रद्द किया गया है ना कि एक साल के भीतर उनको दोबारा ट्रांसफर किया गया है। अब स्थित यह है कि जब श्याम चरण उपाध्याय ने छिंदवाड़ा से ट्रांसफर का खुद ही निवेदन किया था। तो जाहिर है कि वह छिंदवाड़ा में नहीं रहना चाहते तो कोर्ट से याचिकाकर्ता ने यह निवेदन किया कि उन्हें विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा की जगह कहीं और पोस्टिंग देने का प्रतिवेदन पेश करने की भी स्वतंत्रता मिले और साथ ही छिंदवाड़ा से जबलपुर और जबलपुर से वापस छिंदवाड़ा जाने का ट्रैवल अलाउंस भी दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका वापस लेने का निवेदन किया।

मिलेगा यात्रा भत्ता पर अभी छोड़ना होगा जबलपुर का मोह

युगलपीठ ने अपने आदेश में यह कहा कि याचिकाकर्ता को नियम अनुसार छिंदवाड़ा से जबलपुर और जबलपुर से छिंदवाड़ा आने-जाने का यात्रा भत्ता दिया जाए और साथ ही उसकी नई पोस्टिंग के निवेदन पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। इस तरह अब यह विभाग के ऊपर है कि शिवचरण उपाध्याय छिंदवाड़ा में ही रहते हैं या कहीं और उन्हें ट्रांसफर मिलता है।

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