धार की महारानी की एक हजार करोड़ की संपत्ति मामले में शिवाजी के वंशजों से हारी मप्र सरकार
धार महारानी की इंदौर, देवास और धार समेत कई शहरों में फैली हुई एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मामले में मध्यप्रदेश सरकार को हाईकोर्ट में शिवाजी महाराज के वंशजों के सामने हार का सामना करना पड़ा है।
MP News : धार की महारानी की इंदौर, देवास, धार सहित कई शहरों में फैली एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति के मामले में मप्र सरकार शिवाजी के वंशजों से हाईकोर्ट में हार गई है। इसमें एक याचिकाकर्ता तो शिवाजी महाराज के वंशज होने के साथ ही सतारा से बीजेपी विधायक होकर महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं, उनका नाम है शिवेंद्र सिंह राजे भोंसले।
धार महारानी रही मृणालिनी देवी का जनवरी 2015 में निधन हो गया। उन्होंने वसीयत में अपनी संपत्ति का बंटवारा कर दिया। यह संपत्ति गुजरात के जसदान रियासत की महारानी अलौकिका राजे, सत्यजीत खाचर, गोवा राजपरिवार की गायत्री देवी चौगले, सत्तारवाड़ी राजपरिवार की शिवप्रिया राजे भोगले, कार्तिक घोरपड़े अन्य में कर दिया।
लेकिन धार तहसीलदार ने वसीयत के आधार पर नामांतरण केस के दौरान कहा कि इसका कोई वारिस नहीं और संपत्ति को राज्य सरकार के पक्ष में घोषित कर दी। इसकी अपील एसडीओ और संभागायुक्त इंदौर के पास हुई। आखिर में जून2024 में संभागायुक्त दीपक सिंह ने भी इसे सरकारी माना और कहा कि यह वसीयत सत्य है या नहीं यह साबित नहीं। धार महारानी के वंशजों की अपील सभी जगह से खारिज हो गई।
इस पर हाईकोर्ट में अपील हुई और सिंगल बेंच ने वसीयत के आधार पर नामांतरण होने के विविध केस का हवाला देते हुए फिर से इसमें धार तहसीलदार को केस सुनने के आदेश दिए। वहीं हाईकोर्ट ने इस वसीयत को सही बताया। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट में रिट अपील में गई ती। इसमें अब गुरुवार को डबल बेंच का फैसला आया और उन्होंने भी हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश को हस्तक्षेप योग्य नहीं मानते हुए इसे खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट में जिन्होंने अपील की थी इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के कई वंशज है। इसमें सतारा के पूर्व महाराज शाहूजी के बेटे विजय सिंह, शिवाजी राजे भोंसले, उनके पोते शिवेंद्र सिंह राजे भोंसले आदि है।