धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से अनजान था हरियाणा का बुजुर्ग, बागेश्वर धाम ने उसी को गिफ्ट किया ऑटो

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बुजुर्ग को ऑटो रिक्शा उपहार में दिया है, जिसके बाद बुजुर्ग खुश होकर बोले कि यह तो बाबा जी का चमत्कार है। बुजुर्ग ऑटो चलाकर अपना जीवन यापन करते हैं।

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Ravi Singh
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Dhirendra Krishna Shastri Auto Gifts
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हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने एक बुजुर्ग को ऑटो रिक्शा उपहार ( Auto Gifts ) में दिया है। इसके बाद बुजुर्ग खुश होकर बोले कि यह तो बाबा जी का चमत्कार है। बुजुर्ग ऑटो चलाकर अपना जीवन यापन करते हैं।

दरअसल...धीरेंद्र शास्त्री की कथा हरियाणा के सिरसा में चल रही है। बाबा सिरसा के सलासर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के गए थे। वहीं सिरसा के रहने वाले जिलेर सिंह बाबा को देखा तो उन्होंने बोला कि बाबा आपके लिए चाय ले आएं तो धीरेंद्र शास्त्री बोले कि चाय कहां मिलेगी तो जिलेर सिंह बोले कि बस स्टेंड पर चाय मिलती है। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री  बुजुर्ग के पुराने ऑटो में बैठेकर चाय पीने निकल गए। जैसे ही ऑटो चालू हुआ तो उसमें से धुंआ निकलने लगा। बाबा ने मजाकियां अंदाज में पुछा कि ये ऑटो कैसे चलाते हो तो जिलेर सिंह ने कहा कि टाइम पास करते हैं जिसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ये ऑटो मुझे बेच दो, जिसके बाद बुजुर्ग ने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं तो बाबा ने कहा कि आपको सुबह नया ऑटो मिल जाएगा।

पहली बार नाम सुना : जिलेर सिंह

बुजुर्ग जब दूसरे दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पास गए तो उन्हें नया ऑटो मिल गया। बाबा के सेवक ने पूछा कि आपको नया ऑटो लेकर कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं ये मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसके बाद सेवक ने पूछा कि आप कब से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को जानते हो तो जिलेर सिंह ने कहा कि मैंने बाबा का नाम पहली बार सुना है जब महाराज जी मेरे ऑटो में बैठे थे। 

कई साल बाद बैठे ऑटो में

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि हमने हवाई जहाज में तो बहुत सफर किया है। कई सालों बाद ऑटो का सफर कर रहे हैं। सालासर बालाजी मंदिर से बस स्टैंड तक हमने ऑटो में घूमें। साथ ही उनका था कि ऑटो भी इतना गजब था कि जैसे ही हम बैठे धुंआ निकलने लगा। ऑटो हमारा वजन नहीं सह पाया बीच में ऑटो ने धुंआ दे दिया।

कथा बाद में पहले ऑटो

धीरेंद्र शास्त्री ने बुजुर्ग जिलेर सिंह से पूछा कि यह ऑटो धुंआ क्यों दे रहा तो बुजुर्ग ने कहा कि ऑटो का इंजन खराब है और मेरे पास पैसे नहीं है। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने सेवक से कहा कि कल ही इसके लिए नई ऑटो आना चाहिए। जब तक ऑटो नहीं आएगा कथा भी शुरू नहीं होगी।

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