धीरेंद्र शास्त्री का दरबार नहीं लगेगा , चंदे में जुटाए करोड़ों रुपए का क्या होगा

राजस्थान के पीथावास में लगने वाला दिव्य दरबार स्थगित हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि दो संतों में विवाद की वजह से ऐसा हुआ है। अब कार्यक्रम के लिए जुटाए गए चंदे को लेकर विवाद सामने आ रहा है।

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Marut raj
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Dhirendra Shastri Bageshwar Dham द सूत्र the sootr
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जयपुर. बागेश्वर धाम ( Bageshwar Dham ) के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र शास्त्री ( Dhirendra Shastri Divya Darbar ) का राजस्थान के पीथावास में लगने वाला दिव्य दरबार स्थगित हो गया है। कार्यक्रम स्थगित होने की वजह से एक और परेशानी खड़ी हो गई है। वह है चंदे की। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के लिए दो करोड़ से ज्यादा का चंदा एकत्र किया गया है। इसके साथ ही भंडारे के लिए भी लाखों रुपए की सामग्री एकत्र की गई है। 

कार्यक्रम निरस्त या स्थगित होने की वजह से दिक्कत यह आ रही है कि दो करोड‍़ रुपए से अधिक का चंदा और लाखों रुपए की सामग्री को कैसे लौटाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात के एवज में भी कुछ फीस रखी गई, जिसमें एक प्रश्न पूछा जा सकता था।

दो संतों के बीच बताया जा रहा विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा था कि कार्यक्रम तेज धूप और कम जगह को लेकर स्थगित किया गया है, जबकि अब यह भी सामने आया है कि दो संतों में विवाद इसका मुख्य कारण रहा है। 10 मई को दरबार के लिए भूमि पूजन के बाद ही वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। इसमें भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य और कार्यक्रम आयोजक रघुनाथ धाम के पीठाधीश्वर सौरभ राघवेंद्राचार्य हैं।

एक पक्ष की ओर से कार्यक्रम स्थल छोटा होने तथा हाइटेंशन लाइन नजदीक होने से हादसा का अंदेशा जताया गया और इसे लेकर निजी फाउंडेशन की ओर से जनहित में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को भी ज्ञापन सौंपा था।

आयोजन में सहभागिता के लिए इस प्रकार लिए गए पैसे

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि बागेश्वर महाराज के कार्यक्रम के नाम पर जो प्लानिंग थी, उसमें आयोजक, संयोजक व धीरेंद्र शास्त्री से व्यक्तिशः मिलने के लिए बाकायदा पैसा तय किया गया था। इसमें प्रस्तुत कर्ता यानी मुख्य आयोजक से 51 लाख रुपए।  संयोजक से 31 लाख रुपए। सह संयोजक से 21 लाख।

रामदरबार द्वार पर प्रमोशन करने के एवज में 11 लाख रुपए की रसीद। लक्ष्मण द्वार 7 लाख। हनुमान द्वार 5 लाख। भरत द्वार 3 लाख। शत्रुधन द्वार 2 लाख। जानकी देवी द्वार के 2 लाख। दशरथ द्वार के भी 2 लाख। कौशल्या द्वार 2 लाख। फ्लेक्स लगाने के 1 लाख रुपए तय किया गया था। यह राशि 1 करोड़ 38 लाख रुपए के आसपास होती है।

कलश यात्रा में शामिल महिलाओं से भी ली राशि 

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि 11 हजार महिलाओं की जो कलशयात्रा निकलनी थी। इसमें प्रत्येक महिला से 350 रुपए मिट्टी के कलश के एवज में लिए गए, जबकि स्टील के कलश के एवज में करीब एक हजार रुपए की रसीद काटी गई है। यह पैसा करीब 41 लाख रुपए से अधिक होता है।

आयोजन कराने वालों पर केस केस होना चाहिए

हाथोज धाम पीठाधीश्वर और हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य का कहना है कि कार्यक्रम बिना प्लानिंग से किया गया, इसलिए रद्द हुआ है। आयोजन स्थल करीब 4 बीघा में रखा गया, जबकि यहां करीब 2 लाख लोगों के पहुंचने की सूचना थी। पास ही में हाइटेंशन लाइन गुजर रही है ऐसी जगह पर यज्ञ कैसे संभव है।

 खास बात यह है कि आयोजन करवाने वाले कौन लोग हैं, उनके खुद के खिलाफ ही कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। इसकी जांच अ​वश्य होनी चाहिए।

कार्यक्रम स्थगित हुआ है, रद्द नहीं

कार्यक्रम संयोजक स्वामी सौरभ राघवेंद्राचार्य का कहना है कि सरकार ने गर्मी तेज होने और आने वाले भक्तों की संख्या को देखते हुए आयोजन स्थल को छोटा माना है, इसलिए कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई।

 प्रशासन बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम के हिसाब से प्रर्याप्त नहीं बता रहा है। पैसे लौटाने जैसी कोई बात नहीं हैं, क्योंकि कार्यक्रम स्थगित किया गया रद्द नहीं हुआ।

 

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