/sootr/media/media_files/2025/10/13/dilip-buildcon-company-2025-10-13-13-35-50.jpg)
दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के भोपाल स्थित चूना भट्टी ऑफिस में सोमवार (13 अक्टूबर) दोपहर को इनकम टैक्स का सर्वे हुआ। यह सर्वे अभी भी जारी है। जानकारी के मुताबिक, आयकर की टीम अमृतसर से आई है। टीम कंपनी के तीन अलग-अलग ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रही है। बता दें कि, करीब दस साल पहले भी आयकर विभाग की टीम ने दिलीप बिल्डकॉन के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी के बारे में पता चला था। सूत्रों के मुताबिक, दिलीप सूर्यवंशी के यहां शेयर प्राइसिंग में गड़बड़ी के चलते आयकर विभाग ने यह एक्शन लिया है।
दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के मालिक दिलीप सूर्यवंशी देश के बड़े कारोबारियों में से एक हैं। उनके कई राजनेताओं से अच्छे रिश्ते भी हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वे बीजेपी के बड़े दानदाताओं में से एक हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में उन्हें मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कैबिनेट मंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। भोपाल में होटल ताज लेक फ्रंट दिलीप बिल्डकॉन कंपनी ने बनाया है। इसका उद्घाटन मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था।
कौन हैं दिलीप सूर्यवंशी?
दिलीप सूर्यवंशी ने 1988 में दिलीप बिल्डकॉन नाम से अपनी कंपनी बनाई थी। यह कंपनी कंस्ट्रक्शन के काम में है और देशभर में हाईवे और रेल प्रोजेक्ट के ठेके लेती है।
भोपाल में जो मेट्रो का काम चल रहा है, वह भी यही कंपनी कर रही है। शुरुआत में दिलीप सूर्यवंशी ने छोटे रिहायशी प्रोजेक्ट्स, सरकारी इमारतें और पेट्रोल पंप बनाए। फिर 1995 में उन्होंने 21 साल के इंजीनियर देवेंद्र जैन को काम पर रखा, जो अब कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं।
1993 में पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला था
1993-94 में दिलीप बिल्डकॉन को पहला बड़ा प्रोजेक्ट मिला, जो कि चार करोड़ रुपए का था। इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फिर उन्होंने 20 करोड़ और 80 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट किए। 2007 से पहले कंपनी ने 120 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्ट किए। 2007 से 2010 के बीच कंपनी को एक बड़ा मौका मिला, जब अहमदाबाद-गोधरा का एक हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला। अब कंपनी का कारोबार महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी फैला हुआ है।
टैक्स रेड और सर्वे का अंतर क्या है?
बिंदु | इनकम टैक्स सर्वे (Survey) | इनकम टैक्स रेड (Search/Raid) |
---|---|---|
उद्देश्य | जानकारी एकत्र करना, बुक्स/डॉक्युमेंट जांचना | छुपी आय/संपत्ति ढूंढ़ना व जब्त करना |
कानून सेक्शन | सेक्शन 133A | सेक्शन 132 |
वक्त | सिर्फ ऑफिस/बिजनेस समय में | कभी भी, दिन या रात |
जगह | सिर्फ बिजनेस या प्रोफेशनल ठिकाना | घर, ऑफिस, व्हीकल समेत कोई भी ठिकाना |
कार्रवाई | डॉक्युमेंट/बुक्स/स्टॉक की जांच, कोई सीज़ नहीं | पैसे, सोना, गहने, प्रॉपर्टी, कागज जब्त व ट्रंक खोलना |
पुलिस का दखल | नहीं | हां, ज़रूरत हुई तो पुलिस बुलायी जा सकती है |
पर्सनल सर्च | नहीं | हर शख्स की तलाशी ली जा सकती है |
छापे में अधिकार | सीमित | व्यापक अधिकार |
शुरू होने का कारण | जानकारी जुटाना, कंप्लायंस देखना | स्पष्ट शक, भारी गुप्त सूचना या केस रिपोर्ट |
आसान शब्दों में ऐसे समझें:
सर्वे केवल ऑफिस टाइम और बिजनेस जगह पर ही होता है, अधिकारी सिर्फ चेक करते हैं। जब्ती नहीं कर सकते।
रेड (सर्च) दिन-रात कभी भी हो सकता है, घर या दफ्तर समेत किसी भी जगह। अधिकारियों को पैसे, गहने, कागज जब्त करने का अधिकार होता है।
सर्वे में सिर्फ रिकॉर्ड या दस्तावेज देखकर जानकारी जुटाई जाती है। रेड में गहन जांच और असरदार कार्रवाई की जा सकती है।
सर्वे सीमित दायरे में होता है, रेड अधिक सख्त और बड़े स्तर पर।
खबर अपडेट हो रही है....