Dinesh Yadav Congress Candidate Jabalpur Lok Sabha
नील तिवारी, JABALPUR. लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी कर दी। कांग्रेस ने जबलपुर से दिनेश यादव ( Dinesh Yadav ) को टिकट दिया है। द सूत्र एक बार फिर सबसे पहले और सबसे सटीक साबित हुआ है। द सूत्र ने 16 मार्च को ही बता दिया था कि कांग्रेस दिनेश यादव को जबलपुर लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारने वाली है।
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दिनेश यादव को अच्छा अनुभव
दिनेश यादव 11 साल तक जबलपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। जबलपुर में शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र में भी उनकी अच्छी-खासी पकड़ है। उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय में भी सालों का अनुभव है। जो आज की स्थिति में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी के लिए बहुत ही अहम है।
कांग्रेस प्रत्याशी को कम समय में करनी होगी खासी मशक्कत
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मध्यप्रदेश में 4 चरणों में चुनाव होंगे। शेड्यूल के मुताबिक जबलपुर में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। 27 मार्च से नामांकन भरे जाएंगे। नाम वापसी के लिए 30 मार्च का दिन तय किया गया है। मतगणना 4 जून को होगी। दिनेश यादव को चुनाव प्रचार के लिए 27 दिन का समय मिला है। जबलपुर की 8 विधानसभा में प्रचार करने के लिए दिनेश यादव को 4 दिन भी नहीं मिलेंगे। वहीं बीजेपी ने 2 मार्च को ही आशीष दुबे को टिकट दे दिया था। वे उस समय से ही चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
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जबलपुर लोकसभा सीट पर रहा इनका दबदबा
पहले आम चुनाव के बाद से 1974 तक जबलपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा था। सेठ गोविन्द दास यहां से 5 बार निर्वाचित हुए। 1974 में सेठ गोविंद दास के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विपक्ष के प्यूपिल्स कैंडिडेट के रूप में शरद यादव ने पहली बार लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस को शिकस्त दी थी। इसके बाद 1977 में शरद यादव दूसरी बार जबलपुर सीट से सांसद बने। साल 1982 में पहली बार जबलपुर में बीजेपी की जीत हुई और बाबूराव परांजपे बीजेपी के पहले सांसद बने। 2 साल बाद ही 1984 में कांग्रेस के कर्नल अजय नारायण मुशरान ने आम चुनाव में बाबूराव परांजपे को पराजित करते हुए कांग्रेस का दबदबा फिर से कायम किया। 1989 के चुनाव में ये सीट फिर बीजेपी के खाते में आ गई। साल 1991 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद 1996 से जबलपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा जैसे कद्दावर नेता भी 2 बार यहां से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। जबलपुर सीट से बीजेपी नेता बाबूराव परांजपे 3 बार, जयश्री बनर्जी एक बार और राकेश सिंह 4 बार सांसद बने हैं।
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