भोपाल। मप्र भाजपा में अनुशासन अब बीते दिनों की बात हो गई है। इसकी बानगी बुधवार को एक बार फिर उजागर हुई। जब छतरपुर जिले की बिजावर सीट के पूर्व विधायक पुष्पेंद्र नाथ उर्फ गुड्डन पाठक ने पार्टी के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को ही उनकी कार्यशैली को लेकर आड़े हाथों लिया। पाठक ने शर्मा को चुनाव लड़ने की सलाह देकर उनके राजनेता हो जाने को लेकर भी तंज कसा।
पूर्व विधायक ने संगठन महामंत्री शर्मा की उनके एक्स हैंडिल पर साझा कुछ पोस्ट को लेकर हमला बोला। इन पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाठक ने लिखा कि आपकी ज्यादातर पोस्ट में संगठन की जगह देश-दुनिया की चिंता ज्यादा झलकती है। इससे ऐसा लगता है कि शर्मा संगठन का काम छोड़कर अब चुनाव लड़कर देश का नेतृत्व करने की तैयारी में हैं। सोशल मीडिया पर उनका सीधा मुकाबला मोदी जी से है।
' ठाकरे जी से सीखें भाई साहब '
पाठक यही नहीं रुके,उन्होंने संगठन महामंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि आप श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी के उत्तराधिकारी हैं तो उनकी कार्यशैली भी अपनाएं। जो कार्यकताओं की ही नहीं उनके घर व परिवार की भी चिंता करते थे। उनके दरवाजे कार्यकर्ता के लिए हमेशा खुले रहते थे,जबकि शर्मा के दरवाजे कार्यकर्ता के लिए बंद रहते हैं।
यही नहीं,सुरक्षा के नाम पर गेट पर एक पुलिस कर्मी तैनात रहता है ताकि कार्यकर्ता अंदर भी न झांक सके। संगठन महामंत्री के पास कार्यकर्ताओं के फोन कॉल रिसीव करने या रिटर्न कॉल करने का समय भी नहीं है।
अपनी बात पर अडिग हैं पाठक
सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक की प्रतिक्रिया को इसके वायरल होने के कुछ देर बाद ही हटा दिया गया,लेकिन पाठक अपनी बात पर अडिग हैं। 'द सूत्र' से चर्चा में पाठक ने कहा कि पोस्ट उन्होंने नहीं हटाई। हालांकि उन्होंने इसे अंदरूनी मामला भी बताया।
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दरक रहा है अनुशासन
यह पहला मौका नही है जब एक मैदानी नेता ने संगठन नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए हों। चंद दिन पहले सागर के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह भी खुलकर सामने आ चुके हैं।
मैदानीस्तर पर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक वर्सेज पार्टी विधायक,नर्मदापुर सांसद दर्शन सिंह वर्सेज राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल,रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा वर्सेज त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच लंबे समय तक ठनी रही।
अब संगठन महामंत्री पर जिस तरह पूर्व विधायक हमलावर हुए । यह इस बात का संकेत हैं कि मप्र भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। बल्कि उसका कथित अनुशासन अब दरक रहा है।
संगठन चुनाव ने बढ़ाई दूरियां
पार्टी में बढ़ रही गुटबाजी व मतभेद की एक बड़ी वजह संगठन चुनाव को भी माना जा रहा है। पार्टी में चुनाव की प्रक्रिया लगातार लंबी होती गई। तमाम नियम-कायदे व स्वस्थ लोकतंत्र की दुहाई के बावजूद जिलाध्यक्ष चुनाव में बड़े नेताओं की पसंद ही चली।
अब प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लगातार टल रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी को नया प्रदेशाध्यक्ष अब राजधानी भोपाल में आगामी 24 फरवरी से आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद ही मिल सकेगा।
संगठन को दिलाई ऐतिहासिक जीत
हितानंद शर्मा मूलत: अशोक नगर निवासी हैं। मार्च 2022 में मप्र बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की संघ में वापसी पर उन्हें यह दायित्व सौंपा गया।
शर्मा के प्रदेश संगठन महामंत्री रहते पार्टी ने विधानसभा ही नहीं लोकसभा चुनाव में भी ऐतिहासिक जीत हासिल की। इससे उनका कद और बढ़ा।
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