BHOPAL. मध्य प्रदेश में पानी की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा परियोजना ( Ken-Betwa River Link Project ) बेहद महत्त्वाकांक्षी योजना साबित हो सकती है। यह परियोजना एमपी के साथ ही यूपी की भी तस्वीर बदल देगी। राजस्व विभाग ने केन-बेतवा प्रोजेक्ट में विस्थापन पर एक्शन लेते हुए बड़ा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश में केन बेतवा लिंक परियोजना में विस्थापित होने वाले परिवारों को शिफ्टिंग के लिए 50 हजार रुपए हर परिवार को दिए जाएंगे। इसके अलावा एक साल तक तीन हजार रुपए तक हर महीने दिए जाएगा। इन परिवारों को शिफ्ट किया जाएगा, वहां पीएम आवास योजना के अंतर्गत कम से कम 50 वर्गमीटर का मकान बनाकर दिया जाएगा।
50 वर्गमीटर का पीएम आवास
- दरअसल राजस्व विभाग ने विस्थापित होने वाले परिवारों ( KB Link Project ) के लिए जो सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान किया है। इसमें कहा गया है कि
- ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावित व्यक्ति को मकान से वंचित किए जाने की दशा में पीएम आवास योजना के अंतर्गत कम से कम 50 वर्गमीटर का एक मकान दिया जाएगा।
- ऐसे परिवार जो मकान नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें निर्मित मकान के बदले राशि दी जाएगी।
- अगर किसी किसान या भूमिस्वामी का पशु या छोटी दुकान का कारोबार है तो उसके हिसाब से 25 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता सरकार की ओर से दी जाएगी।
- विस्थापित परिवारों को एक साल तक हर महीने तीन हजार रुपए जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। साथ ही शिफ्ट होने वाले परिवार को एक बार 50 हजार रुपए परिवहन भत्ता भी दिया जाएगा।
पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से होगा मकान
- केन बेतवा लिंक परियोजना में जो परिवार शिफ्ट होंगे उन्हें दिया जाने वाला मकान पति और पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से होगा और उस पर लगने वाला पंजीयन और स्टांप शुल्क संबंधित निकाय द्वारा वहन किया जाएगा।
- जहां परिवार विस्थापित किए जाएंगे वहां गांव के अंदर की सड़क पक्की, बारहमासी सड़क, बिजली पानी और अन्य सुविधाओं देने के लिए हर जगह कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
- पशुओं के लिए चारागाह और पेयजल इंतजाम, पंचायत स्तर पर उचित मूल्य की दुकान, आने जाने के लिए परिवहन सुविधा, एकल विद्युत कनेक्शन, दो किमी के क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केंद्र, बच्चों के लिए खेल मैदान, हर सौ परिवारों के लिए एक सामुदायिक केंद्र, हर पचास परिवारों के लिए एक पूजा स्थल, सामुदायिक सभा के लिए चौपाल और वृक्ष चबूतरा भी बनाकर देना होगा।
- कब्रिस्तान और श्मशान घाट भी बनाकर दिए जाएंगे।
इतने गांव होंगे विस्थापित, एक साल तक 3 हजार जीवन निर्वाह भत्ता देंगे
जानकारी के मुताबिक केन बेतवा परियोजना में कुल 22 गांव विस्थापित होंगे। विस्थापित होने वाले एक परिवार को कम से कम 12.50 लाख रुपए दिए जाएंगे।
छतरपुर जिले- 14 गांव विस्थापित
गांवों की लिस्ट- भरकुआं, ढोढन, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोंहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी बसुधा शामिल हैं। इन गांवों के विस्थापित परिवारों को भैंसखार, राइपुरा, नंदगांयबट्टन और किशनगढ़ में बसाया जाएगा।
पन्ना जिले- 11 गांव विस्थापित किए जाएंगे।
गांवों की लिस्ट- गहदरा, कटहरी बिलहटा, मझौली, कोनी और डोंडी और अमानगंज तहसील के खमरी, कूडऩ और मरहा गांव शामिल हैं। इसके अलावा ललार, रमपुरा, जरधोबा और कंडवाहा गांवों की भी शासकीय राजस्व भूमि विस्थापित करने का फैसला लिया गया है। इसको लेकर विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक विस्थापित होने वाले एक परिवार को कम से कम 12.50 लाख रुपए दिए जाएंगे।
केन-बेतवा प्रोजेक्ट बनाने में इतने होंगे खर्च
जानकारी के मुताबिक केन-बेतवा लिंक परियोजना पर कुल 46 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। केन-बेतवा नदी जोड़ने से सबसे ज्यादा लाभ बुंदेलखंड को मिलेगा। इसमें मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 13 जिले आते हैं।
इनको फायदा
- मध्यप्रदेश में इन जिलों को फायदा- पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया आते हैं।
- उत्तरप्रदेश में इन जिलों को फायदा- बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर शामिल हैं।
करीब 62 लाख लोगों को मिलेगा पीने का पानी
वहीं केन-बेतवा नदी जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी। दोनों नदियों के मिलने से करीब 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। दोनों राज्यों ( मप्र और उप्र) के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है। इन सभी बिंदुओं पर दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता किया गया है।
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना क्या है ?
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना, जिसे केबी लिंक परियोजना ( KB Link Project ) के नाम से भी जाना जाता है। ये मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की नदियों को जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की सुविधा प्रदान करना है, जो सूखे से ग्रस्त है।
परियोजना के मुख्य घटक
टिगरिया बांध: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा।
कनहर प्रणाली: बांध से 231 किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली निकाली जाएगी जो पानी को उत्तर प्रदेश के झांसी, बांदा, ललितपुर और महोबा जिलों तक पहुंचाएगी।
जल विद्युत संयंत्र: टिगरिया बांध पर 103 मेगावाट क्षमता का जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
परियोजना के लाभ
सिंचाई: परियोजना से लगभग 6.3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।
पेयजल: परियोजना से लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा।
जल विद्युत: जल विद्युत संयंत्र से 103 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
रोजगार: परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।