जिला शिक्षा अधिकारी इंदौर मंगलेश व्यास को स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। उन्हें डाइट यानी जिला शिक्षा व ट्रेनिंग सेंटर पर पदस्थ किया गया है। उनकी जगह सुषम वैश्य को जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है।
संस्कृत को हटाने के लिए यह दी थी सलाह
मंगलेश व्यास ने 8 जुलाई को सभी स्कूल प्राचार्यों को एक पत्र जारी कर आदेश जारी किए थे। इसमें उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा को लेकर निर्देश दिए थे। शैक्षणिक सत्र 2024- 25 के लिए नवीन व्यवसायक शिक्षा संचालित स्कूल में विषय चुनने को लेकर भी निर्देश दिए। इसमें कहा गया है कि बच्चों को 9वीं क्लास में व्यावसासियक शिक्षा को तीन भाषा में से एक में दिया जा सकता है, लेकिन इसमें छात्रहित में संस्कृत के स्थान पर ही यह शिक्षा दिलाई जाए।
हिंदी भाषा के लिए भी इस तरह की सलाह
इसी आदेश के बिंदू 7 में हिंदी भाषा के लिए भी निर्देश दिए गए। इसमें लिखा था कि 11वीं क्लास मेंहिंदू व अंग्रेजी के स्थान पर व्यावसायिक शिक्षा का चयन किया जा सकता है, लेकिन छात्रहित में इसे हिंदी के स्थान पर किया जाए (यानी हिंदी हटा दी जाए, अंग्रेजी जारी रखी जाए, हिंदी की जगह व्यावसायिक शिक्षा पढ़ाई जाए)। आदेश में आगे था कि इससे बच्चों को भविष्य में उच्च शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षा में परेशानी नहीं आएगी।
इधर सरकार हिंदी को दे रही बढ़ावा
मंगलेश व्यास के आदेश की संघ द्वारा आपत्ति ली गई। सरकार को भी बताया गया कि एक ओर इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल तक की पढ़ाई में हिंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है और कोर्स शुरू हो रहा है, वहीं स्कूल शिक्षा में इस तरह का आदेश हो रहा है। वहीं व्यास की कुछ और शिकायतें भी शासन स्तर पर पहुंची थी, जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया।
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