एमपी के नीमच के जिला अस्पताल ( District Hospital ) में 17 नवजात की हालत बिगड़ गई। दरअसल एक दिन पहले ही जन्मे सभी नवजात को नर्सिंग स्टाफ ने ठंड और कपकपी से बचने के लिए इंजेक्शन लगाया था। इंजेक्शन लगाने के बाद करीब 17 नवजात को उल्टी और बुखार की शिकायत हो गई। साथ ही शरीर पर फफोले भी पड़ गए। एक साथ इतने बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण शिशुवार्ड ( infant ward ) में हड़कंप मच गया। जब इस बात की खबर परिजनों को लगी तो अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया।
सभी बच्चे खतरे से बाहर
बताया जा रहा है कि तबियत बिगड़ने के बाद तीन बच्चों के परिजन उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले गए, वहीं छह बच्चों को जिला अस्पताल के आईसीयू (ICU ) में शिफ्ट किया गया है। बाकी अन्य नवजात को शिशु वार्ड में ही इलाज चल रहा है। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
अस्पताल की व्यवस्था पर उठे सवाल
वहीं इस मामले को लेकर एडीएम लक्ष्मी गामड़ ने बताया कि बच्चों को दिए गए एंटीबायोटिक इंजेक्शन ( antibiotic injection ) के कारण उनकी तबीयत क्यों बिगड़ी, इसकी जांच जारी की जा रही है। फिलहाल सभी बच्चों की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है। समाजसेवी तरुण बाहेती ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं।
एंटीबायोटिक इंजेक्शन जब्त
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एंटीबायोटिक इंजेक्शन (antibiotic injection ) जब्त कर लिए हैं। इसी इंजेक्शन से इंफेक्शन की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि अब इंजेक्शन की जांच कराई जाएगी। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इंजेक्शन के नए बॉक्स में रखे वायल में गड़बड़ी हो सकती है। हालांकि, यह जांच के बाद ही साफ होगा।
क्या है एंटीबायोटिक इंजेक्शन
एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाइयां होती हैं, जिनका उपयोग जीवाणु संक्रमणों के उपचार के लिए किया जाता है। वे वायरल संक्रमण और ज़्यादातर अन्य संक्रमणों के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं।
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