पहले अतिशेष की काउंसलिंग, फिर अतिथि शिक्षकों को मिलेगा मौका

स्कूलों में नियुक्ति के लिए अतिथि शिक्षकों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षक न होने से अंचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई दो माह से ठप है।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL : स्कूलों में नियुक्ति के लिए अतिथि शिक्षकों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षक न होने से अंचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई दो माह से ठप है। लोक शिक्षण संचालनालय, जिला और विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से लेकर संकुल प्राचार्य स्तर पर चिट्ठी-चिट्ठी का खेल चल रहा है। आदेश के बाद आदेश और उसके बाद फिर नया आदेश। स्कूल खुलने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय का समन्वय सही हाथों में होता तो सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना हो गई होती। अतिथि शिक्षक भी परेशान नहीं होते और बच्चों की पढ़ाई भी नियमित हो रही होती। लेकिन अफसरों की मनमानी ने पूरी व्यवस्था को ही ध्वस्त कर दिया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति और अतिशेष शिक्षकों के समायोजन के नाम पर डीपीआई सुरसारूपी जो प्रक्रिया चला रहा है वह सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी पूरी नहीं हुई। यही नहीं शिक्षक इस प्रक्रिया के पूरे होने पर सवाल भी उठा रहे हैं। 

अतिथि शिक्षक लगातार ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नाराज है। एमपीएसईडीसी जिस पोर्टल का संचालन डीपीआई के लिए कर रहा है उसमें एक के बाद एक खामियां सामने आ रही हैं। कभी सर्वर डाउन हो जाता है तो कभी अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड और दूसरी जानकारियां उपलोड नहीं होती। दो महीने में हजारों अतिथि शिक्षक लोक शिक्षण संचालनालय के चक्कर काट चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान किसी भी स्तर पर नहीं हुआ है। चार दिन पहले अतिथि शिक्षकों ने इसको लेकर बड़ा आंदोलन भी राजधानी में किया था। अतिथि शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह की मौजूदगी में स्कूल शिक्षा विभाग के पीएस संजय गोयल और डीपीआई कमिश्नर ने तकनीकी परेशानी दूर करने का भरोसा दिलाया था। बैठक में 8 बिंदुओं पर सहमति बनी थी, लेकिन अब डीपीआई ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में नया पेंच फंसा दिया है।

15 तक अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग

शुक्रवार शाम यानी 13 सितम्बर को डीपीआई ने जो आदेश जारी किया है वह सीधे तौर पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में रोड़ा अटकाने वाला है। वर्ग-2 के अतिशेष शिक्षकों की नियुक्ति काउंसलिंग के जरिए ऐसे स्कूलों में की जाने का उल्लेख है जहां शिक्षकों की कमी है। IFMIS पोर्टल के माध्यम पर अंग्रेजी, गणित, हिंदी, संस्कृत और सामाजिक विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 15 सितम्बर को होगी। जबकि विज्ञान विषय के शिक्षकों के अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए अलग से सूचना दी जाएगी। यानी पेंच यही से शुरू हो जाता है। जब तक नियमित सब्जेक्ट टीचरों की पदस्थापनों रिक्त पदों पर नहीं हो जाती तब तक अतिथि शिक्षकों को इंतजार करना होगा। GFMS पोर्टल पर अतिथियों का यह इंतजार कितना लंबा होगा यह फिलहाल कहा नहीं जा सकता। यह अतिशेष शिक्षकों की  काउंसलिंग और पोस्टिंग के बाद रिक्त पदों की स्थिति साफ होने पर ही पता चलेगा। अतिशेष शिक्षकों को पूर्व में हुई काउंसलिंग पर आपत्ति दर्ज कराने का आखिरी अवसर 14 सितम्बर तक दिया गया है। जिसके बाद इनका निराकरण होगा और तब रिक्त पदों की संख्या स्पष्ट होगी। फिलहाल अतिशेष शिक्षकों के प्रकरणों का समाधान होने तक अतिथि शिक्षकों के मामले अटके ही रहने वाले हैं।

समस्या सुनने एक अदद अफसर तक नहीं

अतिथि शिक्षक संघ के अनुसार पोर्टल की तकनीकी खामी के कारण हर दिन 200 से ज्यादा लोग लोक शिक्षण संचालनालय पहुंच रहे हैं। कई लोग तो बीते दो माह में पांच से आठ बार डीपीआई आ चुके हैं। सभी अपनी  वाजिब परेशानी का समाधान चाहते हैं। दो माह से इतना बवाल हो रहा है लेकिन डीपीआई में किसी एक अधिकारी को पाबंद तक नहीं किया गया जो उनकी समस्या सुन ले। सरकार के आश्वासन के बाद अब सबको उम्मीद बंध गई है लेकिन नए-नए आदेश और पेंच अतिथि शिक्षकों को मुश्किल में  डाल रहे हैं।

आदेश नहीं लेकिन 13 हजार को मिली राहत

डीपीआई ने शनिवार को अतिथि शिक्षकों को फौरी राहत दे दी है। यह खबर उन अतिथि शिक्षकों के तनाव को कुछ कम कर देगी जो 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम के कारण नियुक्ति से बाहर थे। अतिथि शिक्षक महासंघ के पदाधिकारी रविकांत गुप्ता ने बताया GFMS पोर्टल पर 13 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों के स्कोर कोर्ड पर बीते साल का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम दर्शाया जा रहा था। इस कारण इन अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति की पात्रता से बाहर कर दिया गया था। वे पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन ही नहीं कर पा रहे थे। आंदोलन के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री और अधिकारियों ने इस परेशानी के समाधान का भरोसा दिलाया था। शुक्रवार तक पोर्टल पर जो लोग 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम के कारण परेशान थे उनकी आइडी शनिवार को अनलॉक कर दी गई है, यानी अब अतिथि इस पर आवेदन कर पाएंगे। हांलाकि इस संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।

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