जबलपुर के डॉ. ने बेटे के लिए अंग्रेजी में लिखी कविता रामायण, अब म्यूजियम में होगी प्रदर्शित
अवधी रामचरितमानस बेटे को समझ नहीं आई, तो जबलपुर के डॉ. अखिलेश गुमाश्ता ने अंग्रेजी में रामायण की कविता लिखी, जो अब श्रीराम मंदिर संग्रहालय में सुरक्षित रखी जाएगी।
MP News : जबलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक और साहित्यकार डॉ. अखिलेश गुमाश्ता ने रामायण (Ramayan) को अंग्रेजी भाषा में कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। यह प्रयास तब हुआ जब उनके अंग्रेजी माध्यम में पढऩे वाले बेटे को पारंपरिक अवधी भाषा में लिखी गई रामचरितमानस समझने में कठिनाई हुई।
डॉ. गुमाश्ता ने इस चुनौती को अवसर में बदला और रामायण की कथा को अंग्रेजी पोएट्री फॉर्मेट में लिखा। उनकी किताब का नाम है ‘Glimpses of Ramayan, The Hymns of Himalaya’। यह पुस्तक अब अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव डॉ. चंपत राय द्वारा श्रीराम मंदिर संग्रहालय में रखी जाएगी।
डॉ. अखिलेश गुमाश्ता ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित रामायण के अनेक रूपों का अध्ययन किया है। उनकी पुस्तक न केवल तुलसीदास की अवधी रामचरितमानस पर आधारित है।
यह पुस्तक सात भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है, जिनमें रूसी, थाई, जर्मन, फ्रेंच, बंगाली, संस्कृत और इंडोनेशियाई शामिल हैं। यह अंग्रेजी कविता प्रारूप में होने के कारण हिंदी या अवधी न जानने वाले पाठक भी रामायण की महाकाव्य कथा का आनंद ले सकते हैं।
बचपन से रामायण पाठ का प्रभाव , बेटे के लिए नई भाषा में प्रयास
डॉ. गुमाश्ता ने बताया कि बचपन से ही वे घर में रामचरितमानस का पाठ सुनते और पढ़ते आए हैं। जब उन्होंने अपने बेटे को रामायण पढ़ाने की कोशिश की, तो बेटे को अवधी भाषा में दिक्कत हुई क्योंकि वह अंग्रेजी माध्यम से पढ़ रहा था।
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इस वजह से उन्होंने निर्णय लिया कि रामायण को एक ऐसी भाषा में प्रस्तुत किया जाए जो आज के युवा और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थी आसानी से समझ सकें। इसी सोच से 'ग्लिम्प्सेस ऑफ रामायण' का निर्माण हुआ।