डॉ. गोविंद सिंह ने 1990 में बनवाई थी कोठी, अर्जुन सिंह की खूबसूरत केरवा कोठी भी विवादों में रह चुकी

अब सबसे पहले बात डॉ.गोविंद सिंह की भिण्ड के लहार स्थित कोठी की करते हैं। द सूत्र ने जब पड़ताल की तो पता चला कि डॉ.गोविंद सिंह जब पहली बार 1990 में विधायक बने थे, तब उन्होंने लहार में ढाई बीघा जमीन पर आलीशान कोठी बनवाई थी।

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Arvind Sharma
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BHOPAL. मध्यप्रदेश में कोठी-महलों का विवाद आज से नहीं, बल्कि बरसों पुराना है। समय-समय पर इनके बाद कोर्ट-कचहरी तक पहुंचते रहे हैं। अब सूबे में पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह की कोठी चर्चाओं में है। इसे लेकर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इससे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह (राहुल भैया) की केरवा कोठी भी चर्चाओं में रह चुकी है। 

विधायक बनने पर बनवाई थी कोठी 

अब सबसे पहले बात डॉ.गोविंद सिंह की भिण्ड के लहार स्थित कोठी की करते हैं। द सूत्र ने जब पड़ताल की तो पता चला कि डॉ.गोविंद सिंह जब पहली बार 1990 में विधायक बने थे, तब उन्होंने लहार में ढाई बीघा जमीन पर आलीशान कोठी बनवाई थी। सात साल तक इस कोठी का इस्तेमाल वे बतौर दफ्तर करते रहे। 1998 में वे डॉ.सिंह का परिवार कोठी में शिफ्ट हो गया। 

प्रशासन का दावा: अतिक्रमण किया गया 

अब 20 दिन पहले यह कोठी तब विवादों में आई, जब कलेक्टर ने राजस्व अमले से सीमांकन कराया। खुलासा हुआ कि कोठी में 10 बिसे सरकारी जगह है। इसे लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष और उनके बेटे अमित प्रताप सिंह को नोटिस जारी किया गया। इसके विरोध में शुक्रवार को लहार में कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया। वहीं डॉ.गोविंद सिंह की आंखों से आंसू निकल आए। उन्होंने कलेक्टर और एसपी को बीजेपी का एजेंट तक कह दिया। 

54 वर्ष पहले की रजिस्ट्री, फिर कैसे अतिक्रमण  

पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह के भतीजे अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भिण्ड-भाण्डेर रोड पर आज जो ढाई बीघा की कोठी बनी हुई है, इसमें वह भी रहते हैं। उनका कहना है कि इस जमीन की रजिस्ट्री वर्ष 1966 की है तो कोठी अवैध कैसे हो सकती है। उन्होंने बताया कि 34 साल पहले कोठी का निर्माण हुआ था। परिवार इसमें वर्ष 1998 में शिफ्ट हुआ था। उन्होंने भी माना कि भाजपा विधायक अंबरीष शर्मा उर्फ गुड्डू राजनीतिक द्वेष के कारण यह काम कर रहे हैं। 

तालाब और आम रास्ता कोठी में पाया गया

कलेक्टर ने चार सदस्यीय राजस्व की टीम से पिछले दिनों भिंड-भाण्डेर रोड पर कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ.गोविंद सिंह की कोठी का सीमांकन कराया था। इस दौरान टीम ने पाया कि कोठी में एक आम रास्ता और तालाब की जमीन है। कोठी अतिक्रमण कर बनाई गई है। अब इस कोठी को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। जिला प्रशासन के अफसरों की मानें तो अगर डॉ.गोविंद सिंह की कोठी पर अतिक्रमण को लेकर बुलडोजर चलता है तो आसपास के मकान भी टूट सकते हैं। पांच से छह मकान अतिक्रमण की जद में हैं।  

एक विवाद यह भी... सीएम रहते 1983 में खरीदी थी जमीन

इधर, भूतपूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा बनाई गई केरवा कोठी भी चर्चाओं में रही है। जानकारी के मुताबिक, सिंह ने वर्ष 1983 में भोपाल के नजदीक मेंडोरा गांव में सरोज सिंह के नाम से और अजय सिंह के नाम से तीन हिस्सों में कुल 4.4 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इसी जमीन पर रहने के लिए बाद में देवश्री कोठी बनाई गई थी। इसे लेकर कई बार विवाद होते रहे हैं। 

कोठी का आधा भाग विरासत में मिला

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में अपनी संपत्ति के रूप में केरवा कोठी का जिक्र किया था। दोनों ही हलफनामों में तब इसका बाजार मूल्य करीब 5 करोड़ रुपए बताया गया था। बताया गया कि इस कोठी का आधा भाग उन्हें विरासत में मिला, जबकि आधा भाग उन्होंने स्वयं अर्जित किया है।  

अर्जुन सिंह पर कई बार खड़े हुए सवाल 

आपको बता दें कि केरवा कोठी के बारे में कई बार अर्जुन सिंह पर कई बार सवाल खड़े किए गए थे। यह फॉर्म हाउस इतना सुर्खियों में रहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी कोठी की जानकारी दिल्ली मंगाई थी। जानकारों की मानें तो जब विधानसभा में कोठी को लेकर हंगामा हुआ तो अर्जुन सिंह ने सदन को बताया था कि 15 लाख रुपए खर्च कर उन्होंने यह कोठी बनवाई है।

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