डीएसपी संतोष पटेल ने याद रखा अहसान, कभी मुफ्त सब्जी देता था सलमान

डीएसपी संतोष पटेल की कहानी संघर्ष, कठिन परिश्रम और आभार का उदाहरण है। गरीबी से निकलकर उन्होंने डीएसपी का पद प्राप्त किया, लेकिन अपने कठिन दिनों में मदद करने वाले सलमान की सहायता को नहीं भूले।

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CHAKRESH
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कहते हैं, सच्चे इंसान वही होते हैं जो कठिनाइयों में मदद करने वालों को कभी नहीं भूलते। इस बात का एक प्रेरणादायक उदाहरण डीएसपी संतोष पटेल हैं, जो अपनी गरीबी और संघर्ष के दिनों में सहारा देने वाले व्यक्ति के प्रति हमेशा आभारी रहे। हाल ही में एक वायरल वीडियो में संतोष पटेल उस मुस्लिम सब्जी विक्रेता सलमान से मिलते दिख रहे हैं, जिसने उन्हें कठिन वक्त में मुफ्त सब्जियां दी थीं। संतोष अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि कैसे सलमान की मदद से वे भोपाल (Bhopal) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर पाए।

भोपाल में संघर्ष की शुरुआत  

पन्ना जिले के संतोष पटेल 2012 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए भोपाल आए थे। उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। भोपाल में जिस मोहल्ले में वे रहते थे, वहां सलमान खान सब्जी बेचा करते थे। संतोष की हालत देखकर सलमान ने उनके संघर्ष को समझा और लंबे समय तक उन्हें मुफ्त सब्जियां दीं। आज, 12 साल बाद, डीएसपी बने संतोष पटेल ने अपने पुराने दोस्त से मिलकर उसकी मदद को सम्मान दिया।

संतोष ने खुद वीडियो शेयर किया 

अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संतोष पटेल ने यह वीडियो शेयर करते हुए कहा, "बुरे समय में साथ देने वाले को भूलना पाप के समान है। इंसान को अहसान फरामोश नहीं होना चाहिए।" उनका यह संदेश दर्शकों को काफी प्रेरित कर रहा है और इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है। 

प्रेरणादायक कहानी है डीएसपी संतोष पटेल की 

डीएसपी संतोष पटेल की कहानी संघर्ष और समर्पण का उदाहरण है। बचपन से ही गरीबी का सामना करने के बावजूद, उन्होंने अपने लक्ष्य से कभी समझौता नहीं किया। बचपन में संतोष तेंदूपत्ता तोड़ने और पत्थर तोड़ने जैसे कार्यों में भी लगे रहे। लेकिन उन्होंने अपने सपनों का पीछा करना जारी रखा। संतोष की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई थी और उनकी मां खेतों में काम कर परिवार का पालन-पोषण करती थीं। संतोष ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया है, जिनकी मेहनत ने उनके सपनों को उड़ान दी।
बारहवीं के बाद संतोष ने आईआईटी में दाखिले का प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने भोपाल के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और पढ़ाई के साथ नेटवर्क मार्केटिंग में भी काम किया। हालांकि, उनकी रुचि कविता और लेखन में थी, लेकिन परिवार की उम्मीदें उन पर इंजीनियर बनने की थीं।

डीएसपी बनने का संकल्प 

इंजीनियरिंग के बाद एमटेक में दाखिला लेने के बावजूद, संतोष ने 3 अगस्त 2015 को यह संकल्प लिया कि जब तक लाल बत्ती वाली नौकरी नहीं मिलेगी, वे अपनी दाढ़ी नहीं बनाएंगे। उनके इस फैसले पर लोगों ने मजाक उड़ाया, पर संतोष अपने संकल्प पर अडिग रहे। पहले प्रयास में असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और PSC (Public Service Commission) परीक्षा में दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त कर डीएसपी पद पर नियुक्त हुए। आज, संतोष की मेहनत और संघर्ष की कहानी देशभर में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

 

FAQ

डीएसपी संतोष पटेल कौन हैं ?
डीएसपी संतोष पटेल एक अधिकारी हैं, जो अपनी संघर्षमय यात्रा के कारण प्रसिद्ध हैं और अपने कठिन दिनों में मददगार बने सलमान को आज भी याद रखते हैं।
संतोष पटेल का संघर्ष कैसे शुरू हुआ ?
संतोष पटेल की संघर्ष की कहानी उनकी प्रारंभिक गरीबी से शुरू होती है, जहां उन्होंने छोटे-मोटे कार्य कर अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया।
सलमान ने संतोष पटेल की किस तरह मदद की थी?
सलमान ने संतोष की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें लंबे समय तक मुफ्त में सब्जियां दीं ताकि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
डीएसपी संतोष पटेल का प्रेरणादायक वीडियो क्यों वायरल हो रहा है?
इस वीडियो में संतोष अपने पुराने मित्र सलमान से मिलते हुए दिख रहे हैं और बुरे समय में मदद को याद करने का संदेश दे रहे हैं, जो दर्शकों को प्रेरित कर रहा है।
संतोष पटेल डीएसपी कैसे बने?
संतोष पटेल ने कठिन परिश्रम और संकल्प के साथ पीएससी परीक्षा पास की और डीएसपी पद पर नियुक्त हुए, जो उनकी दृढ़ता और संघर्ष का प्रतीक है।

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