रविवार 8 सितंबर 2024 को सूर्य की परिक्रमा करते हुए शनि और पृथ्वी रविवार इस प्रकार की स्थिति में होंगे कि पृथ्वी से देखने पर एक और शनि तो दूसरी ओर सूर्य होगा । खगोलीय घटना (Astronomical Phenomenon) के विषय में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) का कहना है कि इस घटना को सेटर्न एट अपोजीशन (Saturn at Opposition) कहते हैं। शनि और इसके रिंग को तुलनात्मक रूप से सबसे अच्छा और बड़ा देखने के लिए यह अच्छा अवसर होगा।
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सबेरे लगभग 5 बजे पश्चिमी आकाश में अस्त होगा
पूर्वी आकाश में सायं 7 बजे के बाद शनि उदित होकर रात भर आकाश में रहकर सुबह-सवेरे लगभग 5 बजे पश्चिमी आकाश में अस्त होगा। वैसे तो शनि ग्रह को बिना यंत्र की मदद से देखा जा सकता है, लेकिन टेलिस्कोप (Telescope) की मदद से इसके चमकदार रिंग को अच्छे से देखा जा सकेगा। इस समय पृथ्वी से देखने पर शनि के रिंग के अधिकांश भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा होगा जिससे वे अधिक चमक के साथ दिखेंगे। इसे सीलिगर प्रभाव कहा जाता है।
सारिका का कहना है कि शनि के पृथ्वी से पास रहने पर भी उसकी दूरी 129 करोड़, 52 लाख 27 हजार किमी से अधिक होगी। इस दूरी पर भी शनि से प्रकाश किरण आने में लगभग 72 मिनट लगेंगे।
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