ईडी इंदौर ने नगर निगम में हुए 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में 1.25 करोड़ की नकदी के साथ ही 20.8 करोड़ की विविध संपत्ति को अटैच कर लिया है। ईडी ने पांच और छह अगस्त को इंदौर में की गई छापेमार कार्रवाई की औपचारिक प्रेस रिलीज बुधवार शाम को जारी कर दी।
ईडी ने यह बताया
ईडी ने बताया कि इंदौर सब रीजनल कार्यालय ने मनी लाण्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत निगम के फर्जी बिल घोटाले में 5 और 6 अगस्त को इंदौर में 20 ठिकानों पर छापे मारकर तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, 1.25 करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई और बैंक खाते, सावधि जमा और म्यूचुअल फंड और इक्विटी के रूप में कुल 20.8 करोड़ रुपए के निवेश को फ्रीज कर दिया गया। आगे की जांच जारी है।
पुलिस एफआईआर के आधार पर किया है केस दर्ज
ईडी ने बताया कि आईएमसी फर्जी बिल घोटाले के संबंध में आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मध्य प्रदेश पुलिस, इंदौर द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। ईडी की जांच से पता चला कि आईएमसी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके विभिन्न ठेकेदारों ने आपराधिक साजिश रची और ड्रेनेज के निर्माण कार्य के फर्जी बिल पेश करके क्राइम किया और इससे कमाई की। जिस काम के लिए फर्जी बिल बनाए गए थे, उसका भुगतान करने से पहले न तो जमीन पर काम किया गया था और न ही आईएमसी के लेखा और लेखा परीक्षा विभाग द्वारा उसका सत्यापन किया गया था। विभिन्न निजी ठेकेदारों द्वारा आईएमसी के समक्ष फर्जी बिल प्रस्तुत करके बनाए गए पीओसी को उनके और विभिन्न आईएमसी अधिकारियों के बीच लूटा गया।
इन जगहों पर मारे गए थे छापे
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह घोटाले के मास्टर माइंड अभय राठौर, नगर निगम के अकाउंटेंट अनिल गर्ग के ठिकानों सहित 20 स्थानों पर छापे मारे थे। इसमें मुख्य मास्टमाइंड माने जाने वाले गिरफ्तार इंजीनियर अभय राठौर के साथ ही ज्वाइंट डायरेक्टर आडिट अनिल गर्ग सहित सभी आरोपी ठेकेदार व निगम के आरोपी अधिकारी शामिल थे। निगम के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने करीब 20 आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग के दर्ज किए थे। यह सभी ईडी के केस में भी आरोपी बने हैं। इनमें ठेकेदारों के अलावा, निगम अधिकारी, कर्मचारी आदि शामिल हैं। ईडी द्वारा रेणु वडेरा निवासी 6 आशीष नगर, मोहम्मद जाकिर निवासी 147 मदीना नगर, राहुल वडेरा निवासी 2 आशीष नगर, राजकुमार पिता पन्नालाल साल्वी निवासी 78 अम्बिकापुरी हरीश श्रीवास्तव निवासी 55 सुखदेवनगर, प्रो. एहतेशाम पिता बिलकीॉस खान निवासी 128 माणिक बाग, जाहिद खान निवासी 101 सकीना अपार्टमेंट अशोाका कॉलोनी, मोहम्मद साजिद निवासी मदीना नगर, मोहम्मद सिध्दिकी निवासी मदीना नगर), उदयसिंह पिता रामनरेश सिंह भदौरिया निवासी 31-सी सुखलिया, मुरलीधर पिता चंद्रशेखर निवासी 697 शिव सिटी राऊ, मौसम व्यास के ठिकानों पर भी जांच की गई।
नगर निगम के यह अधिकारी उलझे
अभी तक इस मामले में पुलिस ने करीब 7 एफआईआर दर्ज की है। जिसमें आरोपियों पर आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 474, 120बी और 34 की धाराएं लगी है। इसमें नगर निगम इंजीनियर अभय राठौर के साथ ही निगम के उदय भदौरिया, चेतन भदौरिया, मुरलीधर, राजकुमार साल्वी, संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, असिस्टेंट ऑडिटर रामेश्वर परमार को आरोपी बनाया गया है। यह सभी गिरफ्तार हो चुके हैं और इसमें से मुरलीधर की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है।
दर्जन भर ठेकेदार भी आए उलझन में
वहीं ठेकेदारों में मोहम्मद सिद्दकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, रेणु वढेरा, राहुल वढेरा, जाकिर, एहतेमाश उर्फ काकू, बिलकिस खान, जाहिद खान, राजेंद्र शर्मा, इमरान खान, मौसम व्यास इन सभी पर भी पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं फर्जी फर्म आने के बाद लगातार नाम बढ़ते जा रहे हैं। इसमें काकू, आशु अभी तक फरार है। बाकी गिरफ्तार हो चुके हैं।
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