ED केस में भूमाफिया दीपक मद्दा की जमानत याचिका खारिज, मेडिकल-फर्जी दस्तावेज जैसे कारण हुए अमान्य

मध्यप्रदेश के इंदौर में भूमाफिया भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। ईडी में 17 जून 2022 को दर्ज हुए मनी लाण्ड्रिंग केस में लगी याचिका खारिज हो गई है...

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Sanjay gupta
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भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। ईडी में 17 जून 2022 को दर्ज हुए मनी लाण्ड्रिंग केस में लगी याचिका खारिज हो गई है। इसके पहले मद्दा को कल्पतरू जमीन घोटाले सहित अन्य केस में जमानत मिल चुकी है, लेकिन अब इस केस में जमानत नहीं मिलने से उसे जेल में ही रहना होगा। जेल से बाहर आने के लिए उसने हाईकोर्ट में कई तरह के कारण गिनाए थे लेकिन ईडी और उनके अधिवक्ता एडिशनल सॉलिसिटर जनरल हिमांशु जोशी के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इन्हें खारिज कर दिया। 

मद्दा ने यह गिनाए जमानत के आधार...

  • मद्दा ने कहा कि वह एक साल से ईडी केस में जेल में हैं। यह काफी लंबी अवधि है, जमानत मिलन चाहिए
  • मद्दा ने बताया कि हार्ट की समस्या है और एंजियोग्राफी हुई है। मेडिकल आधार है
  • यह भी कहा कि इस केस में सह आरोपी केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी, रणवीर सिंह सूदन, जाकिर पटेल, नसीम हैदर, दीपेश जैन और अशोक पिपाड़ा सभी की जमानत है, केवल वही बचा है
  • मद्दा ने ईडी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सीलबंद लिफाफे में फर्जी दस्तावेज बनाकर कोर्ट में दिए और फंसाया जा रहा है
  • यह भी कहा कि गिरफ्तार के समय उसे अंग्रेजी में दस्तावेज दिए गए और उससे और पत्नी से हस्ताक्षर लिए गए। 
    ईडी और अधिवक्ता ने इस तरह दिए जवाब
  • मनी लाण्ड्रिंग केस में एक साल की जेल अवधि कोई बड़ी नहीं है और इस केस में भारी आर्थिक घोटाला है, 22 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। 
  • जीवन के लिए घातक कोई मेडिकल समस्या नहीं है. उनका ऑपरेशन हो चुका है और 20 दिन अस्पताल में रहा है। पूरी देखभाल की जा रही है
  • सह आरोपियों का केस अलग है, वह जमीन खरीदने वाले हैं, और मद्दा जमीन बिक्री में शामिल होकर मुख्य आरोपी है।
  • कोई सील बंद लिफाफे में दस्तावेज नहीं दिए गए, सभी रिकार्ड पर है
  • अंग्रेजी का मुद्दा होने पर हिंदी में अनुवाद कराकर प्रिंट लिए गए और इस पर मद्दा और पत्नी समता जैन के हस्ताक्षर है।

हाईकोर्ट ने इस आधार पर याचिका की खारिज

हाईकोर्ट ने माना कि ऐसी कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं है, जिस पर जमानत दी जाए। सीलबंद लिफाफे में दिए दस्तावेज का जमानत से कोई लेना-देना नही है। अंग्रेजी बात का भी कोई मतलब नहीं है, अरेस्ट मेमो हिंदी में भी दिया और हस्ताक्षर हुए हैं। यह सही है कि वह मुख्य आरोपी है और जमीन बेचने वाला है, सह आरोपी का केस अलग है। इसलिए जमानत याचिका खारिज की जाती है। 

ईडी ने मद्दा पर तीन सोसायटी में यह घोटाले बताए...

  • ईडी ने बताया कि आरोपी (मद्दा) ने जमीन घोटाले कर 6.40 करोड़ की संपत्तियां खरीदी। उसने मजदूर पंचायत, देवी अहिल्या श्रमिक कामगार और कल्पतरू सोसायटी में घोटाला किया।
  • इसमें नसीम हैदर, केशव नाचानी (हनी), ओमप्रकाश धनवानी (टनी), दीपेश जैन व अन्य शामिल रहे और ईडी में इन सभी के बयान हो चुके हैं। 
  • मजदूर पंचायत में नसीम हैदर की मदद से मद्दा ने हनी और टनी को ढाई-ढाई एकड़ जमीन दो-दो करोड़ रुपए में बेची लेकिन इसकी बाजार कीमत 25 करोड़ रुपए थी। इस जमीन के बेचने के लिए आई राशि 54 लाख अपने खाते में डलवाई।
  • देवी अहिल्या में रणवीर सिंह सूदन के साथ मिलकर यहां की चार एकड़ जमीन का सौदा सिम्पलेक्स कंपनी के नाम पर चार करोड़ में किया। इसमें से 20 चेक दिए, लेकिन केवल 9 चेक से 1.80 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया और 2.20 करोड़ रुपए संस्था को दिए ही नहीं।
  • कल्पतरू सोसायटी के संस्था अध्यक्ष प्रकाश गिरी के साथ सौदा किया, इसमें हिना पैलेस में 21 हजार वर्गफीट जमीन पर 50 हजार सुपर बिल्डअप बनाकर संस्था सदस्यों को फ्लैट 15 साल में बनाकर देने का करार हुआ। इसके लिए पांच करोड़ से ज्यादा राशि ली। बाद में इसमें से केवल 70 लाख रुपए राशि ही संस्था को लौटाई। अपने पास उसने 4.31 करोड़ रुपए रख लिए।
  • इस 4.31 करोड़ रुपए में से उसने बिचौली मर्दाना में संपत्ति ली और रिश्तेदार अशोक पिपाड़ा के नाम पर शिफ्ट कर दी। वहीं 1.88 करोड़ रुपए उसने समाता रियलिटी में लगाए। 
  • ईडी ने बताया कि करोड़ों कीमत की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। जमानत का अधिकार नहीं है। 

कल्पतरू घोटाले में क्राइम ब्रांच में दर्ज केस में जमानत

मद्दा 3 अप्रैल 2023 में कल्पतरू गृह निर्माण सोसायटी में 4.89 करोड़ रुपए के घोटाले में गिरफ्तार हुआ था। यह एफआईआर सहकारिता विभाग की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर में दर्ज हुई थी। इसी बीच ईडी ने भी मनी लाण्ड्रिंग केस में जांच की और 3 मई 2023 को जेल से ही उसकी सुपुर्दगी ली और पूछताछ की। कल्पतरू मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों के जमीन घोटाले में उस पर भूमाफिया अभियान के तहत आधा दर्जन एफआईआर हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने रासुका लगाई और जेल भेजा लेकिन रासुका रद्द होने पर वह जेल से बाहर आया, इसी दौरान क्राइम ब्रांच में दर्ज हुई कल्पतरू घोटाले की एफआईआर में गिरफ्तार हो गया। अब इस मामले में बेल हुई है, लेकिन ईडी का केस अभी बाकी है। 

शासन ने बताया आदतन अपराधी

उधर शासन पक्ष की ओर से कल्पतरू मामले में जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि यह आदतन अपराधी है। इस पर कई तरह के जमीन घोटाले के केस है। कल्पतरू संस्था में जब सब आडिटर सुरेश भंडारी द्वार जांच की गई तो इसमें 4.89 करोड़ का घोटाला निकला, इसमें आरोपी मुख्य आरोपी था। उनके साथ सह आरोपी में कमलेश जैन, सन्नी जायसवाल, जितेंद्र पटेल, सुभाष पाटीदार, मिलन गिरी, दर्शन मेहता, श्री चंदा. जितेंद्र पाटिल, मधु खांता भी है।

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