BHOPAL. मध्य प्रदेश में 16 जिलों में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी बिजली का बिल नहीं भर रहे हैं। अब इनकी शिकायत कलेक्टर तक पहुंची है। 16 जिलों के सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है। बिजली बिल का पैसा दबाकर बैठे इन लोगों से वसूली को लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। अब इसको लेकर प्रशासन भी एक्शन है।
बकायादारों की लिस्ट तैयार
बकाया बिजली बिल वसूली को लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एक्शन में आ गई है। जिलों से अलग-अलग सरकारी विभागों में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित कर वसूली की तैयारी की गई है। चिन्हित किए गए इन लोगों पर बिजली बिल के 10 हजार रुपए से ज्यादा का पैसा बकाया हैं। साथ ही कई कर्मचारियों पर लाखों रुपए का बिल बकाया है। बिल जमा नहीं होने की स्थिति में इन बकायादार कर्मचारियों की लिस्ट विभाग प्रमुख और कोषालय को भेजी जा रही है ताकि उनसे बिजली बिल की वसूली हो सके।
16 जिलों के कलेक्टर को लिखा पत्र
बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कार्यक्षेत्र के 16 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किए जाने मामला उठाया था। साथ ही शासकीय सेवकों से बिल की राशि जमा किए जाने का आग्रह किया था।
बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक ने पत्र में कहा था कि जिले के विभिन्न सरकारी विभाग में कार्यरत कई शासकीय सेवक, नियमित, संविदा अपना बिजली बिल के भुगतान नहीं कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जाए। इसके बाद कलेक्टरों ने भी मामले में गंभीरता दिखाते हुए जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा था।
कर्मचारियों की सैलरी रोकने की तैयारी
बिजली कंपनी के अनुसार बकायादारों का वेतन रोकने की तैयारी की गई है। बिजली बिल नहीं भरने वाले पर बकायदार अधिकारी और कर्मचारी को अगले महीने वेतन नहीं मिलेगा। बिजली कंपनी ने पहले चरण में अलग-अलग सरकारी विभागों में पदस्थ 500 से ज्यादा अधिकारी- कर्मचारी को टारगेट किया है। इस लोगों पर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजली बिल बाकी है।
विभाग प्रमुख को दिए ये निर्देश
बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक के पत्र के बाद कलेक्टरों ने भी पत्र लिखकर विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए है। कलेक्टरों ने विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए है कि अपने-अपने कार्य क्षेत्र में कार्यरत जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने बिजली बिल का समय पर भुगतान नहीं किया है, ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। अब इन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को 7 दिन में बकाया बिजली बिल भरना होगा।
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