एमपी में महंगी हो सकती है बिजली, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
विद्युत नियामक आयोग के समक्ष वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 7.52 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया गया है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो....
विद्युत नियामक आयोग के समक्ष वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 7.52% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया गया है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो घरेलू उपभोक्ताओं पर खासा असर पड़ेगा। खासकर, वे उपभोक्ता जो 150 से 300 यूनिट तक बिजली का उपभोग करते हैं, उन्हें प्रति बिल 168 रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे।
बता दें कि इस साल प्रदेश में कोई चुनाव नहीं हैं, ऐसे में बिजली महंगी होना तय है। इधर दावे- आपत्तियों के बाद राज्य विद्युत नियामक आयोग फरवरी के आखिर तक बिजली की नई दरें घोषित कर सकता है, जो अप्रेल 2025 से लागू हो जाएंगी।
स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव
इसके अलावा, प्रस्ताव में 300 यूनिट से अधिक खपत वाले स्लैब को समाप्त करने की भी योजना है। इस बदलाव से उच्च खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है।
याचिका पर आपत्तियां 24 जनवरी तक मांगी गई हैं, और इसके बाद 11 फरवरी को इंदौर, 13 फरवरी को जबलपुर, और 14 फरवरी को भोपाल में ऑनलाइन जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। इसके बाद 31 मार्च तक टैरिफ आदेश जारी करना अनिवार्य है।
FAQ
बिजली दरों में कितनी वृद्धि का प्रस्ताव है?
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 7.52% तक बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है।
इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर किस पर पड़ेगा?
150 से 300 यूनिट खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा असर होगा।
क्या स्लैब में कोई बदलाव किया जा रहा है?
हां, 300 यूनिट से अधिक खपत वाला स्लैब समाप्त करने का प्रस्ताव है।
कब तक आपत्तियां दी जा सकती हैं?
आपत्तियां 24 जनवरी तक दी जा सकती हैं।
ऑनलाइन जनसुनवाई कब होगी?
इंदौर में 11 फरवरी, जबलपुर में 13 फरवरी, और भोपाल में 14 फरवरी को जनसुनवाई होगी।