बेटियों को योद्धा बनाओ, गुड़िया नहीं, तभी नारी सशक्त व भारत समर्थ होगा

काजल हिंदुस्थानी ने कहा बॉलीवुड, टीवी सीरियल्स, ओटीटी प्लेटफार्म्स और सोशल मीडिया को महिलाओं की राह से भटकाने के मुख्य कारण के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि फिल्में और टीवी शो महिलाओं के खिलाफ गलत संदेश दे रहे हैं,

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Sandeep Kumar
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भोपाल में भारतीय विचार संस्थान न्यास द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के दूसरे दिन 'समर्थ नारी, समर्थ भारत' विषय पर विचार व्यक्त किए गए। इस दौरान वक्ताओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता काजल हिंदुस्थानी ने कहा कि हमें बेटियों को न केवल शिक्षा देनी चाहिए, बल्कि उन्हें आत्मरक्षा और संघर्ष की कला भी सिखानी चाहिए, ताकि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।

महिलाओं के खिलाफ नकारात्मक नेरेटिव पर चर्चा

काजल हिंदुस्थानी ने कहा बॉलीवुड, टीवी सीरियल्स, ओटीटी प्लेटफार्म्स और सोशल मीडिया को महिलाओं की राह से भटकाने के मुख्य कारण के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि फिल्में और टीवी शो महिलाओं के खिलाफ गलत संदेश दे रहे हैं, जैसे लव जिहाद और परिवारों में विखंडन को बढ़ावा देना।

नारी को सशक्त बनाने के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी

काजल हिंदुस्थानी ने कहा कि यदि हमें महिलाओं को सशक्त बनाना है, तो इसके लिए हमें उन्हें सही दिशा दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि समाज और परिवार का यह कर्तव्य है कि वे महिलाओं को उनकी क्षमता का एहसास कराएं और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें।

भारत में नारी की भूमिका पर विचार

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अशोक पांडेय ने कहा कि भारत में नारी हमेशा पूज्यनीय रहीं हैं। उन्होंने समाज और शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि कुछ विकृतियों के कारण नारी के खिलाफ गलत नेरेटिव सेट किया जा रहा है, लेकिन यह भारत की संस्कृति के खिलाफ है।

नारी का योगदान और भविष्य की दिशा

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय महिलाओं का योगदान हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। कृषि और श्रम में महिलाओं की भागीदारी 43 प्रतिशत और 23 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि अगर महिलाओं को और अधिक प्रशिक्षित किया जाए तो भारत को सशक्त और समर्थ बनने से कोई नहीं रोक सकता।

ज्योति रात्रे का प्रेरणादायक अनुभव: एवरेस्ट विजय

इस दौरान विशेष अतिथि ज्योति रात्रे, जो 55 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला हैं । ने अपने जीवन के संघर्षों और सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि नारी यदि ठान ले तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकती है।

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