सिंचाई विभाग उमरिया में पदस्थ रहे सहायक यंत्री ( Assistant Engineer ) राजकुमार पांडेय को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया है। विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त जबलपुर अमजद अली खान की अदालत ने भ्रष्टाचार से अर्जित सम्पत्ति के मामले में उसे चार साल की जेल एवं 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
आय से अधिक पाई गई संपत्ति
जांच में आरोपी के द्वारा चेक पीरियड, सेवाकाल आरम्भ पांच दिसम्बर, 1977 से लेकर छापा 13 नवम्बर, 2014 तक आरोपित के द्वारा वैध स्रोतों से कुल 71,73,107 रुपये की आय अर्जित किया जाना एवं उक्त अवधि में 1,45,26,384 रुपये व्यय किया जाना पाया जाकर 73,53,277 रुपये की अनुपातहीन सम्पति पाई जाने से आरोपित के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय लोकायुक्त जबलपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
बचाव के खूब किए प्रयास
न्यायालय में साक्ष्य के दौरान अभियोजन की और से 46 और आरोपी की और से अपने बचाव में 43 साक्षियों का परीक्षण कराया गया। लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला द्वारा दलील दी गई कि अभियोजन के द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोजन मामले को प्रमाणित किया गया है।
जबलपुर लोकायुक्त कोर्ट ने लगाया 60 लाख का ज़ुर्माना
न्यायालय में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से आरोपित के द्वारा चेक पीरियड में कुल 75,42,665.40 रुपये वैध स्रोतों से आय अर्जित किया जाना एवं उक्त अवधि में 1,42,78,392.24 रुपये व्यय किया जाना पाया जाकर 67,35,734.84 रुपये की अनुपातहीन सम्पति अर्जित किया जाना पाया जो आरोपी की वैध आय से 89 प्रतिशत अधिक पाई गई। आरोपित को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) ई , 13(2) में 4 वर्ष के कारावास व 60 लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया गया।