कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी), भोपाल की एक और परीक्षा में पेंच फंस गया है। यह है ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा। इसका रिजल्ट 4 फरवरी 2024 को आया था। दस्तावेज परीक्षण व भर्ती प्रक्रिया के बाद इसकी सिलेक्शन लिस्ट 6 जनवरी 2025 को जारी हो गई। लेकिन इसके बाद ही इसमें विवाद हो गया और मामला हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में चला गया।
हाईकोर्ट ने यह दिया आदेश
रिट पिटीशन नंबर 3954/2025 के तहत इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने अभी इस मामले में याचिकाकर्ता मीनाक्षी अमृतलाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षकार – मप्र शासन जीएडी, डायरेक्टर कृषि विभाग और ईएसबी – से जवाब मांगा है। साथ ही सबसे अहम निर्देश दिए गए हैं कि सभी अपॉइंटमेंट्स इस याचिका में अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने पक्ष रखा।
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यह है ओबीसी महिला पदों का पेंच
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गुरनानी ने पक्ष रखा कि याचिकाकर्ता की इस परीक्षा में 237.40 अंक आए थे और वह ओबीसी महिला वेटिंग में दसवें पायदान पर थी। जब दस्तावेज सत्यापन हुए तो अनारक्षित कैटेगरी में कई दावेदार नहीं पहुंचे। इसके चलते ओबीसी चयनितों को मेरिट क्रम में अनारक्षित में माइग्रेट, शिफ्टिंग में होना था। कुल 15 महिला ओबीसी वेटिंग वालों को शिफ्ट होना था, लेकिन ईएसबी ने ऐसा करते हुए फ्रेश मेरिट लिस्ट जारी नहीं की, जो नियमों का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने पक्ष सुनने के बाद इस मामले में अभी भर्ती को इस याचिका के अधीन कर दिया है। अगली सुनवाई 27 फरवरी को लगाई गई है।
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