ESB की ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की चयन सूची पर सवाल, हाईकोर्ट ने दिए अहम आदेश

ईएसबी की 2023 की कृषि विस्तारक अधिकारी चयन सूची पर नियम 2013 का पालन न होने से विवाद हुआ। इंदौर हाईकोर्ट ने इस मामले में एक याचिका पर महत्वपूर्ण आदेश दिए। 

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Sanjay Gupta
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Photograph: (the sootr)

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INDORE. कर्मचारी चयन मंडल ( ESB ) की साल 2023 की ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी की चयन सूची पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसका कारण है परीक्षा नियम 2013 का पालन नहीं करना। इस मामले में एक याचिकाकर्ता की लगी याचिका पर हाईकोर्ट इंदौर ने अहम आदेश जारी किए हैं।

याचिकाकर्ता ने यह उठाया था मामला

याचिकाकर्ता मीनाक्षी ने इस मामले में मप्र सामान्य प्रशासन विभाग, डायरेक्टर कृषि विभाग और ईएसबी को पक्षकार बनाया था। उनकी ओर से अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने हाईकोर्ट में ईएसबी की दो फरवरी 2024 में जारी चयन सूची, वेटिंग सूची पर सवाल उठाए थे। इनका पक्ष था कि परीक्षा नियम 2013 के 11.2 व 11.3 का ईएसबी ने पालन नहीं किया। इसके चलते चयन सूची दूषित है, इसे फिर से जारी की जाए। 

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क्या कहता है परीक्षा नियम 2013 के बिंदु 11.2 व 11.3

  • हाईकोर्ट को बताया गया कि परीक्षा नियम 11.2 कहता है कि आरक्षित श्रेणी से संबंधित कोई भी  उम्मीदवार अनारक्षित श्रेणी में चयनित होता है तब इस स्थिति में उसकी उम्मीदवारी पर केवल अनारक्षित श्रेणी के तहत विचार किया जाएगा। 
  • वही नियम 2013 का बिंदु 11.3 कहता है कि आरक्षित श्रेणी से संबंधित व्यक्ति को अनारक्षित श्रेणी में समायोजित किया जाएगा, यदि यह पाया जाता है कि उसने अनारक्षित शेरेणी के उम्मीदवार के समान अंक प्राप्त किए हैं

याचिकाकर्ता ने इस नियम के तहत यह मामला उठाया

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गुरनानी ने बताया कि याचिकाकर्ता को ओबीसी के तहत वेटिंग लिस्ट 10 में रखा गया। कई लोगों द्वारा चयन होने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं ली गई और पद रिक्त किए गए लेकिन ईएसबी द्वारा इन छोड़ी गई रिक्तियों को सभी श्रेणियों के बजाय केवल अनारक्षित द्वारा भरा जा रहा है। उनके द्वारा परीक्षा नियम 2013 का उचित पालन नहीं किया जा रहा है। 

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हाईकोर्ट ने यह दिए आदेश 

हाईकोर्ट ने इन सभी तर्क सुनने के बाद जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने पक्षकार डायेर्कटर कृषि विभाग और ईएसबी को आदेश दिए कि नियम 2013 के नियम 11.2 व 11.3 के तहत निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन करें और इसमें यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता नियुक्ति पाने की हकदार है तो उसे नई चयन सूची जारी करने के साथ ही दो माह की अतिरिक्त अवधि के दौरान नियुक्ति दी जाए।

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