Katni : लौह अयस्क कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक के कर्ता धर्ताओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कंपनी से दो डायरेक्टर्स को बाहर कर दिया है। जब दोनों को इसकी खबर लगी तो उन्होंने गोलमाल करने वाले कंपनी के चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें तीन डायरेक्टर और एक कंपनी सेक्रेटरी शामिल है। फर्जी तरह से हटाए गए डायरेक्टर्स सुरेंद्र सलूजा एवं हरनीत सिंह लांबा ने आरोप लगाया कि गोलमाल के मुख्य सरगना महेंद्र गोयनका को पुलिस बचा रही है। यही कारण है कि इस गोलमाल में शामिल गोयनका के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया। पुलिस ने गोयनका के प्यादों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इतिश्री कर ली है। पीड़ितों ने इस मामले में सीएम डॉ.मोहन यादव से शिकायत की है।
मिलीभगत कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर किया
मामला जबलपुर जिले का है। यहां सिहोरा के हरगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री में सुरेंद्र सिंह सलूजा और हरनीत सिंह लांबा डायरेक्टर हैं। दोनों को कंपनी के चार लोगों ने मिलीभगत कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर कर दिया है। अब सलूजा ने कटनी कोतवाली और लांबा ने अपने साथ हुए धोखे की माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
यह है मामला
सुरेंद्र सिंह सलूजा ने बताया कि वे मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड में वर्ष 2018 में डायरेक्टर बने थे। यह कंपनी लौह अयस्क यानी आयरन ओर का काम करती है। सलूजा ने कंपनी में रुपए भी इन्वेस्ट किए हैं। बकौल सलूजा, शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। कंपनी अच्छे से रन हो रही थी। हाल ही के दिनों में उन्हें पता चला कि कंपनी में मनमानी होने लगी। डायरेक्टर्स को भरोसे में लिए बिना ही लौह अयस्क बेचे जाने लगे। इसे लेकर उन्होंने जबलपुर कलेक्टर से शिकायत की। जब इस मामले की सुनवाई हुई तो कलेक्टर ने सलूजा को बुलाया। जब वे पहुंचे और अपना परिचय दिया तो पास में खड़े वकील ने उन्हें बताया कि वे अब कंपनी में डायरेक्टर नहीं हैं। यह सुनकर सलूजा को विश्वास ही नहीं हुआ। पुख्ता जानकारी लेने के लिए उन्होंने सीए से संपर्क किया। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की।
धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस
जब सलूजा को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ तो उन्होंने कटनी कोतवाली थाना पहुंचकर कंपनी के डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव, डायरेक्टर सनमति जैन, डायरेक्टर सुनील अग्रवाल और कंपनी सेक्रेटरी लाची मित्तल के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में चारों पर धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
दूसरे डायरेक्टर के साथ भी ऐसा ही
ये तो हुई कहानी सलूजा की। इस मामले के दूसरे पीड़ित हैं हरनीत सिंह लांबा। उनके साथ भी सलूजा जैसा ही सलूक हुआ है। आरोप है कि हिमांशु श्रीवास्तव, सनमति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से बाहर कर दिया। लांबा ने कटनी के ही माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
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