संजय गुप्ता, INDORE. प्रदेश के बड़े ठेकेदारों में से एक पीडी अग्रवाल (PD Aggarwal ) का नया कारनामा सामने आया है। अग्रवाल को नेशनल हाईवे इंदौर हरदा एनएच 59 का ठेका मिला है। इस नेशनल हाईवे को बनाने के लिए अग्रवाल इंदौर के कनाडिया और खुडैल तहसील के साथ ही देवास जिले में सरकार तालाबों से अवैध मुरम निकाल कर उपयोग कर रहे हैं। सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। एक जमाने में पीडी के पास ही ida (इंदौर विकास प्राधिकरण) के सभी ठेके होते थे, तब उस समय कई लोग ताने में IDA को PDA (पीडी अग्रवाल अथॉरिटी) बुलाते थे।
इन तालाबों पर कर रहे अवैध खुदाई
द सूत्र के पास क्षेत्र के गांव वालों ने इसकी सूचना दी, मौके पर पहुंचकर द सूत्र ने इनकी फोटो, वीडियो लिए हैं। इसमें कनाडिया तहसील के तालाब गोगाखेड़ी और खुडैल-खुर्द दोनों में जमकर खुदाई की जा रही है। वहीं खुडैल तहसील में आने वाले तालाब खेमना में धड़ल्ले से अवैध खुदाई चल रही है। साथ ही देवास जिले में ही तालाब की खुदाई कर मुरम निकाली जा रही है।
तालाब के अंदर पक्की मुरम के लिए ब्लास्टिंग
इतना ही नहीं तालाब के अंदर पक्की मुरम निकालने के लिए ब्लास्टिंग का भी प्रयोग हो रहा है, जो तालाब के लिए घातक है। हर तालाब में दो-तीन जेसीबी लगी है और लगातार डंपर भरकर पास ही में नेशनल हाईवे निर्माण के लिए उपयोग हो रहा है। यहां लगे वाहनों पर पीडी अग्रवाल इन्फ्रा लिमिटेड लिखा हुआ है।
शिफ्टिंग में चल रहा लगातार काम
यहां शिफ्ट बदल-बदल कर 24 घंटे खुदाई चल रही है। सुबह से लेकर देर रात तक अवैध मुरम निकालकर हाईवे बनाने में डाली जा रही है। इस पूर काम से जिला पंचायत, जिला प्रशासन से लेकर खनिज विभाग है।
ट्रस्ट की जमीन का सौदा कर पहले ही विवादों में अग्रवाल
द सूत्र ने हाल ही में पीडी (प्रभुदयाल) अग्रवाल का पब्लिक ट्रस्ट जगन्नाथ नारायण धर्मादा के ट्रस्टी के साथ मिलकर किया जमीन के खेल का खुलासा किया था। ट्रस्ट की जेल रोड स्थित 19 हजार 995 वर्गफीट जमीन जिसका मूल्य करीब 14 करोड़ रुपए है। ट्रस्ट के ट्रस्टियों बेनीमाधव अग्रवाल, शैलेंद्र अग्रवाल, रमाकांत अग्रवाल, उमेश अग्रवाल और पंकज अग्रवाल ने पीडी अग्रवाल की कंपनी के साथ इसी जमीन पर मल्टी तानने की रेशो डील की। बता दें कि कंपनी में पीडी अग्रवाल के साथ प्रेमलता अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल भी डायरेक्टर हैं। इस रेशो डील में पीडी अग्रवाल की कंपनी का हिस्सा 55 फीसदी और ट्रस्टियों का 45 फीसदी हिस्सा रखा गया। इसे जून 2021 में पंजीयन विभाग में रजिस्टर्ड भी करा लिया। इसी एग्रीमेंट के आधार पर जून 2023 में यहां आवासीय नक्शा पास कराया गया। जबकि रेशो डील में यहां पर आवासीय सह वाणिज्यिक उपयोग का नक्शा बताया गया पूरा खेल करीब 30 करोड़ रुपए का था। लेकिन रेरा ने ट्रस्ट के नियमों नहीं बताने और इसका सही उपयोग नहीं पाए जाने पर आवेदन निरस्त कर दिया।
पंजाब में भी एक रोड को लेकर पीडी अग्रवाल विवादों में आ चुके हैं, जिसमें मेंटनेस खर्च से कहीं ज्यादा राशि वसूली गई।