BHOPAL. भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station) पर रेलवे टिकट निरीक्षक दल ने सक्रियता दिखाते हुए फर्जी रेलवे बोर्ड सतर्कता निरीक्षक (Vigilance Inspector) को पकड़ा है। यह शातिर व्यक्ति खुद को रेलवे बोर्ड का निरीक्षक बताकर वीआईपी सुविधाओं का फायदा उठाने की कोशिश में था। लेकिन उससे पहले ही टिकट निरीक्षक टीम ने सूझबूझ दिखाते हुए फर्जी अधिकारी (fake officer) की साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
जानें कैसे हत्थे चढ़ा फर्जी अधिकारी
जानकारी के मुताबिक आरोपी ने खुद को रेलवे बोर्ड सतर्कता निरीक्षक (विजिलेंस इंस्पेक्टर) बताते हुए मुख्य टिकट निरीक्षण कार्यालय पहुंचा था। साथ ही कहा कि उसे ट्रेन संख्या 19484 बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से अहमदाबाद में एक गुप्त अभियान के लिए जाना है। और तब तक उसके लिए VIP लॉज खोला जाए। VIP लॉज में ठहरने के बाद चाय, नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराने की मांग की।
अधिकारियों ने की विभाग में पुष्टि
इसके बाद मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी और टिकट निरीक्षक सूर्य प्रकाश शर्मा को इस व्यक्ति गतिविधियों पर संदेह हुआ। उन्होंने मोबाइल नंबर मांगा तो उसने कॉन्फ़िडेंसल टूर का हवाला देकर मोबाइल नंबर देने से इनकार कर दिया। इसके बाद टिकट निरीक्षकों ने नाम पूछा साथ ही चुपके से उसकी फोटो ली। रेलवे बोर्ड सतर्कता विभाग और रेलवे केंद्रीय टिकट निरीक्षण टीम से इस व्यक्ति की सत्यता की पुष्टि के लिए संपर्क किया। दोनों जगह से पुष्टि हो गई कि यह व्यक्ति सतर्कता विभाग का हिस्सा नहीं है। साथ ही साफ हो गया यह फर्जी अधिकारी है।
कड़ी पूछताछ में कबूल किया अपराध
इस व्यक्ति के फर्जी होने की पुष्टि होने के बाद तुरंत ही मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी ने स्टेशन प्रबंधक, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना दी। इसके बाद आरपीएफ ने जवानों इस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। आरपीएफ की कड़ी पूछताछ में अपना अपराध कबूल कर लिया। मामले में FIR दर्ज गई है।
सूझबूझ से नाकाम हुआ फर्जीवाड़ा
इस कार्रवाई के दौरान स्टेशन प्रबंधक मनोज महापात्रा, मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी, मुख्य टिकट निरीक्षक अभय कुमार पांडे, टिकट परीक्षक सूर्य प्रकाश शर्मा, टिकट परीक्षक पूनम लड़िया मौजूद रहे। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया के मार्गदर्शन में कार्यरत टिकट निरीक्षण टीम की सतर्कता और सूझबूझ से इस बड़े फर्जीवाड़े को नाकाम किया गया। यह घटना रेलवे वाणिज्यिक विभाग, भोपाल की टीम की मुस्तैदी का प्रमाण है।
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