एमपी के उज्जैन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी ( RPF and GRP ) ने संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान ( checking campaign ) चला रही थी। तभी उन्हें पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति पास आते हुए दिखाई दिया। क्योंकि वर्दी पर कुछ स्टार लगे हुए थे। इसीलिए RPF और GRP के जवान पास आने वाले व्यक्ति को सेल्यूट करने वाले थे, लेकिन जब यह व्यक्ति पास आया और उसकी वर्दी पर लगे स्टार उल्टे दिखाई दिए तो पुलिस समझ गई कि यह व्यक्ति असली नहीं है और जब उससे पूछताछ की तो मामला कुछ और ही निकला।
उल्टे स्टार ने खोली पोल
नई दिल्ली में रहने वाला पारस सक्सेना उम्र 24 वर्ष दिल्ली से ट्रेन में बैठकर उज्जैन आया था। जहां उसने सब इंस्पेक्टर की वर्दी में पूरा उज्जैन घुमा। बाबा महाकाल के दर्शन किए और उसके बाद वह फिर दिल्ली के लिए जाने ही वाला था कि तभी जीआरपी और आरपीएफ पुलिस के चेकिंग अभियान में फंस गया।
जीआरपी थाना प्रभारी मोतीराम चौधरी ने बताया कि पारस सक्सेना पर हमारा शक उस समय हुआ, जब उसने जो वर्दी पहन रखी थी। उस पर उल्टे स्टार लगे हुए थे। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने यह कबूल लिया कि वह उज्जैन किसी को ठगने नहीं बल्कि यह वर्दी पहनकर यहां घूमने आया था।
फर्जी पुलिस वाले ने पहनी असली वर्दी
इस वर्दी को पहनने से न तो उसकी रेलवे टिकट लगी और न ही महाकाल मंदिर में उसे बाबा महाकाल के दर्शन करने में उसे किसी प्रकार की रोकटोक का सामना करना पड़ा। जीआरपी थाना प्रभारी मोतीराम चौधरी ने बताया कि पारस सक्सेना की तलाशी के दौरान उसके पास से एक गृह मंत्रालय का आई कार्ड और एक नकली वॉकी टॉकी भी मिला है। विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।