Indore. आखिरकार विवादित खनिज अधिकारी संजय लुणावत की इंदौर से विदाई हो गई है। मप्र शासन ने उनका ट्रांसफर इंदौर से श्योपुर कर दिया है। यह ट्रांसफर मात्र छह माह में ही गया है। इंदौर में उनक पोस्टिंग होते ही द सूत्र ने खुलासा किया था कि वह विवादित अधिकारी है और डंपर छोड़ने के बदले में महिला की अस्मत तक मांग चुके हैं। ऐसे अधिकारी को सांठगांठ कर इंदौर में क्रीम पोस्टिंग दे डाली है।
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द सूत्र ने लगातार किए खुलासे
इसके बाद द सूत्र ने खुलासा किया था ठेकेदार पीडी अग्रवाल की कंपनी को अवैध तालाब खनन से बचाने के लिए भी लुणावत ने सेटिंग की है। यहां तक की वह पीडी अग्रवाल से मिली हुई लग्जरी कार में ही घुमता है। द सूत्र के इस खुलासे के बाद लुणावत ने तत्काल कार लौटा दी थी। द सूत्र ने इनकी फोटो, कार की फोटो सब प्रकाशित की थी। इसके बदले में लुणावत लगातार पीडी अग्रवाल की कंपनी और अवैध खनन करने वालों को बचा रहे थे।
पोस्टिंग को लेकर हाईकोर्ट में भी केस
उनकी अवैध पोस्टिंग को लेकर भी हाईकोर्ट में ज्ञानेंद्र पटेल द्वारा याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में था कि जिस पर गंभीर आरोप है उसे पोस्टिंग नहीं मिल सकती है। यह बहाली और पोस्टिंग गलत है। इसमें सुनवाई चल ही रही है और सरकार से जवाब मांगा गया है। इसके पहले ही सरकार खुद उलझती उन्होंने विवादित अधिकारी से पल्ला झाड़ना ही उचित समझा और केवल छह माह में ही उसका ट्रांसफर कर दिया है।
रतलाम में लगे थे गंभीर आरोप, जेल भी गए
लुणावत पर साल 2021-22 में रतलाम पोस्टिंग दौरान महिला ने गंभीर आरोप लगाए थे कि पति के डंपर छोड़ने के बदले में लुणावत ने साथ में रात बिताने के लिए कहा था। महिला की शिकायत पर महिला थाने रतलाम में केस हुआ और वह गिरफ्तार होकर जेल भी गए। बाद में रिहा हुए। यह केस अभी रतलाम कोर्ट में चल रहा है।
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