इंदौर में गुरुसिंघ सभा चुनाव पर फर्म्स एंड सोसायटी ने जारी किए आदेश

श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव इंदौर को लेकर अब एक नया आदेश आया है। आदेश दिए हैं कि मतदाता सूची ( 11687 सदस्य ) को लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए इन पर दोबारा आपत्तियां बुलाकर इसमें सुधार करें।

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Sanjay gupta
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श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव दिवाली बाद
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श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव इंदौर को लेकर अब एक नया आदेश आया है। फर्म्स एंड सोसायटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीडी कुबेर ने आदेश दिए हैं कि मतदाता सूची ( 11687 सदस्य ) को लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए इन पर दोबारा आपत्तियां बुलाकर इसमें सुधार करें और इसके बाद चुनाव प्रक्रिया को किया जाए।

क्या फिर से होगी नामांकन प्रक्रिया

अब फर्म्स एंड सोसायटी के दखल से यह असमंजस हो गया है कि क्या पूरी चुनाव प्रक्रिया फिर से होगी? इसमें नामांकन फार्म भरवाना, स्क्रूटनी करना, नाम वापसी करना और फिर वोटिंग करना जैसी प्रक्रिया शामिल है। पूर्व में वोटिंग को छोड़कर सभी प्रक्रिया हो चुकी थी और इस मामले में हाईकोर्ट तक ने चुनाव प्रक्रिया रोक की मांग को खारिज कर दिया था। 

यह बोले असिस्टेंट रजिस्ट्रार

चुनाव प्रक्रिया फिर से होने पर बीडी कुबेर ने द सूत्र से साफ कहा कि हमने केवल मतदाता सूची को लेकर ही बोला है। मुख्य चुनाव अधिकारी को इस मतदाता सूची में सुधार के बाद नई मतदाता सूची से चुनाव कराने के लिए कहा है। चुनाव प्रक्रिया फिर से करना है या नहीं, यह मुख्य चुनाव अधिकारी तय करेंगे, इसे लेकर हमने कोई निर्देश नहीं दिए हैं। हमारे निर्देश केवल मतदाता सूची को लेकर है, क्योंकि इसे लेकर लगातार कलेक्टर के पास शिकायतें आ रही थी।

चुनाव की मंजूरी दिवाली बाद ही मिलेगी

यह भी साथ में साफ हो गया है कि जैसा द सूत्र कह रहा था कि अब चुनाव दिवाली बाद होंगे। कुबेर ने द सूत्र को साफ कहा कि कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि दिवाली तक लॉ एंड आर्डर को देखते हुए चुनाव के लिए अभी मंजूरी नहीं दी जाएगी। यानी साफ है कि चुनाव दीवाली बाद ही होंगे।

हालांकि इस दौरान मतदाता सूची को लेकर दावे-आपत्ति बुलाकर यह काम पूरा किया जा सकता है। लेकिन यह भी तय है कि इस मतदाता सूची को लेकर चुनाव रुकवाने के लिए एक बार फिर एक धड़ा या तो हाईकोर्ट या फिर फर्म्स एंड सोसायटी जाएगा ही, यानी सिख समाज की पहले ही फजीहत करा चुका यह चुनाव अभी और भी कई शर्मनाक वाकये, घटनाएं दिखाएगा। 

दो बार हाईकोर्ट जा चुका मामला

इस चुनाव में अमृतधारी सिख को लेकर भारी विवाद हो चुका है। समाज में 12 साल से प्रधान पद पर काबिज रिंकू भाटिया व अन्य द्वारा दो बार आपत्तियां लगाई गई। इसमें मुख्य रूप से मोनू भाटिया और बंटी भाटिया को अमृतधारी सिख नहीं मानने की बात कहते हुए नामांकन खारिज करने की मांग थी। इसके लिए दोनों का गुरूमुखी टेस्ट भी कराने की तैयारी हो गई थी लेकिन विवाद हो गया और इस दौरान पुलिस को भी गुरूघर में आना पड़ा।

हालांकि फिर आपत्तियां खारिज हुईं और मामला फिर हाईकोर्ट गया, लेकिन इसी दौरान बार-बार कोर्ट केस के चलते मुख्य चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह बक्शी ( सूदन ) ने वोटिंग के एक दिन पहले ही 6 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। उधर रिंकू भाटिया लगातार कलेक्टर को इस मामले में दखल के लिए मिल रहे थे। आखिर में फर्म्स एंड सोसायटी को मामला भेजा गया और वहां से यह आदेश हुए।

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