Paperless Voting : देश में पहली बार पेपरलेस वोटिंग (Paperless Voting) की शुरुआत मध्य प्रदेश से होने जा रही है। बुधवार को भोपाल जिले की बैरसिया तहसील रतुआ रतनपुर पंचायत समेत प्रदेश की 9 जनपदों, एक जिला पंचायत, 49 सरपंचों और 26 पंचों के लिए मतदान किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने रतनपुर पंचायत के एक बूथ को पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में चुना है। आइए पेपरलेस वोटिंग के बारे में विस्तार से जानते हैं
दो फार्मेट किए ऑनलाइन
इस प्रयोग के तहत निर्वाचन के कुल 26 फॉर्मेट में से 2 को ऑनलाइन किया जा रहा है। बूथ एजेंट्स को दिए जाने वाले मतपत्र लेखा (Ballot Paper Account) को अब ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे मतदाता की पहचान और कितने लोगों ने मतदान किया, इसकी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। इस प्रक्रिया से पोलिंग पार्टियों को मैन्युअल रिपोर्ट देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। रिपोर्ट अब ऑनलाइन दी जाएगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी। भविष्य में पोलिंग स्टाफ को केवल एक टैबलेट और पेनड्राइव या हार्डडिस्क दी जाएगी, जिसके जरिए चुनावी डेटा सुरक्षित और तुरंत भेजा जा सकेगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह (Election Commission Secretary Abhishek Singh) ने बताया कि देश में पहली बार इस प्रकार का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि चुनाव प्रक्रिया को एरर लेस (Error-less) और पेपरलेस (Paperless) बनाया जा सके। यह पायलट प्रोजेक्ट यदि सफल होता है, तो आने वाले समय में पूरे देश में इसे लागू किया जा सकता है।
क्या है पेपरलेस वोटिंग
पेपरलेस वोटिंग एक ऐसी चुनावी प्रक्रिया है जिसमें पारंपरिक कागजी मतपत्रों के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग किया जाता है। इसके तहत मतदाता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM), इंटरनेट आधारित सिस्टम या अन्य डिजिटल उपकरणों के जरिए अपने वोट डालते हैं। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को तेज, सटीक, पारदर्शी और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
दुनियाभर में पेपरलेस वोटिंग के उदाहरण
1. एस्टोनिया (Estonia)
एस्टोनिया पहला देश था, जिसने 2005 में पूरी तरह से इंटरनेट आधारित पेपरलेस वोटिंग सिस्टम को अपनाया। इसे "ई-वोटिंग" कहा जाता है, जिसमें नागरिक ऑनलाइन अपने वोट डाल सकते हैं। मतदाता अपने राष्ट्रीय पहचान पत्र का उपयोग करके एक सुरक्षित पोर्टल के माध्यम से वोट करते हैं। यह सिस्टम सुरक्षित, तेज और पारदर्शी है। अब इसका उपयोग देश के कई चुनावों में किया जा रहा है। एस्टोनिया का ई-वोटिंग सिस्टम एक उदाहरण है कि कैसे डिजिटल क्रांति चुनावी प्रक्रियाओं को बदल सकती है।
2. ब्राज़ील (Brazil)
ब्राज़ील ने 1996 में पेपरलेस वोटिंग सिस्टम अपनाया, जहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs) का उपयोग किया जाता है। मतदाता मशीन पर अपने उम्मीदवार का चयन करते हैं, और यह जानकारी तुरंत एक केंद्रीय सर्वर को भेजी जाती है। ब्राज़ील में इस प्रणाली का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, और यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
3. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States)
अमेरिका में पेपरलेस वोटिंग विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से लागू की गई है। कई स्थानों पर डायरेक्ट रिकॉर्डिंग इलेक्ट्रॉनिक (DRE) मशीनें इस्तेमाल होती हैं, जहाँ मतदाता स्क्रीन पर अपने उम्मीदवार का चयन करते हैं, और यह वोट सीधे डिजिटल रूप में रिकॉर्ड हो जाता है। हालांकि, कई राज्यों में मतपत्र की एक कागजी प्रति भी बनाई जाती है ताकि आवश्यकता पड़ने पर री-काउंटिंग की जा सके।
4. जर्मनी (Germany)
जर्मनी में पेपरलेस वोटिंग का इस्तेमाल शुरू किया गया था, लेकिन 2009 में संघीय संवैधानिक न्यायालय ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया। अदालत ने कहा कि पेपरलेस वोटिंग से मतगणना में पारदर्शिता का अभाव हो सकता है। हालांकि, ईवीएम का उपयोग कुछ क्षेत्रों में किया जा रहा है, लेकिन साथ ही कागजी रिकॉर्डिंग की भी आवश्यकता होती है।
पेपरलेस वोटिंग के फायदे
- सटीकता: पेपरलेस वोटिंग एररलेस होती है।
- गति: पेपरलेस प्रणाली से मतों की गिनती तेजी से होती है, जिससे चुनाव परिणाम जल्दी मिलते हैं।
- पारदर्शिता: ऑनलाइन ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग से पारदर्शिता बढ़ती है और धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
- पर्यावरण संरक्षण: कागज के उपयोग में कमी से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पेपरलेस वोटिंग की चुनौतियां
- साइबर सुरक्षा: पेपरलेस वोटिंग के साथ डेटा सुरक्षा का खतरा होता है, जिसमें हैकिंग या डेटा लीक की संभावना होती है।
- तकनीकी समस्याएं: सिस्टम में तकनीकी खराबी या सर्वर डाउन होने से वोटिंग प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
- डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को डिजिटल साधनों का सीमित अनुभव होता है, जिससे उन्हें पेपरलेस वोटिंग को समझने और उसका उपयोग करने में मुश्किल हो सकती है।
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