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श्योपुर के राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के अधीक्षक योगेंद्र पारदे के दो विवादित वीडियो सामने आए हैं। इनमें वह वनकर्मियों को चंबल नदी से रेत निकालने और माफिया से मिले पैसों को वरिष्ठ अधिकारियों में बांटने की बातें करते हुए नजर आ रहे हैं। यह मामला तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है और प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर रहा है।
वीडियो में क्या कहा गया?
पहला वीडियो:
पहले वीडियो में योगेंद्र पारदे ने अपने अधीनस्थ वनकर्मियों को चंबल नदी के घाटों से रेत उत्खनन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, 7 लाख रुपए आएंगे। सीसीएफ (CCF), डीएफओ (DFO), और रेंजर सबको बंटेगा। मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेंगे।
दूसरा वीडियो:
दूसरे वीडियो में पारदे किसी से फोन पर बात करते हुए कह रहे हैं, अगर पैसे अकेले रखे तो मैं बचूंगा नहीं। गड्ढा मूंदना पड़ेगा या दूसरी जगह ले जाना होगा। मैनेजमेंट है, 10 लोगों को पैसे बांटने होंगे।
सबको बंटेग, तब मेरे पास कुछ बचेगा
— TheSootr (@TheSootr) December 30, 2024
➡ श्योपुर के राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के अधीक्षक योगेंद्र पारदे के दो विवादित वीडियो सामने आए हैं। इनमें वह वनकर्मियों को चंबल नदी से रेत निकालने और माफिया से मिले पैसों को वरिष्ठ अधिकारियों में बांटने की बातें करते हुए नजर आ रहे हैं।
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स्थानीय विवाद और धमकी
एक अन्य ऑडियो क्लिप में पारदे ने एक ग्रामीण को गाली देते हुए कहा कि "तुम रेत निकाल रहे हो तो मगरमच्छ तो कहीं जाएगा। मैं मगरमच्छ से तुम्हें कटवाऊंगा।" यह क्लिप भी विवाद का हिस्सा बन गई है।
समाजसेवी का आरोप
पर्यावरण प्रेमी अजीत शर्मा ने कहा, यह पहली बार नहीं है। पारदे पहले भी रिश्वतखोरी के आरोपों में चर्चाओं में रहे हैं। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
ग्रामीण से कहा-मगरमच्छ से तुम्हें कटवाऊंगा
ऑडियो में ग्रामीण अधीक्षक पारदे से दलारना गांव में मगरमच्छ घुसने की बात कह रहा है। इस पर वे ग्रामीण को गाली देते हुए कह रहे है कि तुम रेत निकाल रहे हो तो मगरमच्छ तो कहीं जाएगा न। मैं मगरमच्छ से तुम्हें कटवाऊंगा। 4 और मगरमच्छ छोडूंगा।
समाजसेवी ने कहा- पहले से रिश्वतखोरी में लिप्त
इस बारे में पर्यावरण प्रेमी एवं समाजसेवी अजीत शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की अधीक्षक योगेंद्र पारदे का इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि, वह पूर्व में भी इस तरह की रिश्वतखोरी को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। वीडियो भी सामने आ गए, फिर भी जिम्मेदार कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब इस मामले में एक स्थानीय पत्रकार ने पारदे से बात की, तो उन्होंने कहा, "आप पॉजिटिव खबर लगा देना। वीडियो-ऑडियो हफ्ते भर पुराना है।" वहीं, डीएफओ सुजीत पाटिल ने कहा कि उन्हें भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों के फोन आए हैं और मामले की जांच करवाई जाएगी।
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