BHOPAL. पूर्व सीएम शिवराज की महापंचायत के वादों को याद दिलाने मंगलवार को हजारों अतिथि शिक्षक राजधानी पहुंचे। अतिथि शिक्षकों ने बीजेपी सरकार को विधानसभा चुनाव से पहले सीएम हाउस में बुलाई गई महापंचायत में की गई घोषणाओं को याद दिलाया। उन्होंने बीजेपी पर सीएम बदलते ही अतिथियों के हितों को भूल जाने का आरोप भी लगाया। राजधानी के तुलसीनगर क्षेत्र में हजारों अतिथि शिक्षक सुबह से शाम तक सड़कों पर डटे रहे। पुलिस के साथ झड़प और धक्का-मुक्की में कई लोग घायल भी हो गए, लेकिन उनकी पांच सूत्रीय मांगों को स्कूल शिक्षा मंत्री ने अनसुना कर दिया। प्रदेश की आधी स्कूल शिक्षा का भार उठा रहे अतिथि विद्वानों में सरकार के इस रवैए से गहरी निराशा और आक्रोश है। अतिथि शिक्षकों के संगठन व्यापक आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं।
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घेराबंदी तोड़ आगे नहीं बढ़ पाए अतिथि
अतिथि शिक्षक महासंघ के आव्हान पर मंगलवार को प्रदेश के हर तहसील-विकासखंड से हजारों की संख्या में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूलों के अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे थे। इनमें महिला अतिथि विद्वान भी बड़ी संख्या में थे। महासंघ की अगुवाई कर रहे सुनील सिंह परिहार, केसी पंवार, रविकांत गुप्ता ने अतिथि शिक्षकों के साथ अंबेडकर पार्क में सभा को संबोधित किया। सभा के बाद अतिथि शिक्षक महासंघ के आव्हान पर सभी सीएम हाउस की ओर रवाना हुए। इसकी आशंका के चलते पुलिस ने पहले ही सभी रास्तों पर बेरिकेड लगाकर तैयार थी। सैंकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती के चलते अतिथि शिक्षक कुछ कदम ही आगे बढ़ पाए और रोक दिए गए। इस बीच काफी देर तक झूमाझटकी भी होती रही। दोपहर करीब 1 बजे से चार बजे तक अतिथि शिक्षक सीएम हाउस की ओर बढ़ने का प्रयास करते रहे, लेकिन बेरिकेड को तोड़ने में कामयाब नहीं हुए।
झड़प, धक्का-मुक्की में बेसुध हुए प्रदर्शनकारी
दल-बल के साथ तुलसीनगर के हर रास्ते पर तैनात पुलिस ने उन्हें कहीं भी आगे नहीं बढ़ने दिया। घंटों तक सड़क पर प्रदर्शनकारी जमा रहे और नारेबाजी होती रही। करीब 4 घंटे तक प्रदर्शन जारी रहने की वजह से कई महिलाएं बेसुध होकर गिर पड़ीं, जिनमें से कुछ का चिकित्सकीय मदद के लिए भेजना पड़ा। वहीं नारेबाजी के दौरान बेरिकेड पर चढ़ने की कोशिश करने वाले प्रदर्शनकारियों को लाठियां भी झेलनी पड़ी। अतिथि विद्वानों के आंदोलन में कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी शामिल हुए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया।
शिक्षामंत्री से मिलकर निराश लौटे शिक्षक
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदर्शनकारी और अधिकारियों के बीच मध्यस्थता की और एक प्रतिनिधिमंडल सीएम हाउस भेजने पर सहमति बनी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे नकार दिया। प्रशासन की कोशिशों के बाद अतिथि शिक्षकों की ओर से बीएम खान भोपाल, संतोष कहार छिंदवाड़ा और सतेन्द्र नागर राजगढ़ स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह को अतिथियों की समस्याओं से अवगत कराया। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा नियमितीकरण की घोषणा की याद दिलाकर मांग पत्र भी सौंपा। हालांकि, स्कूल शिक्षा मंत्री ने ऐसी किसी घोषणा पर तत्काल निर्णय या आश्वासन देने से इंकार कर दिया। जिसके कारण अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को फिलहाल खाली हाथ वापस लौटना पड़ा है।
अब बड़े आंदोलन की रणनीति पर चर्चा
अतिथि शिक्षक संगठन के पदाधिकारी रविकांत गुप्ता के अनुसार स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले सीएम हाउस में बुलाई गई महापंचायत की घोषणा को नकार दिया है। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में भी उन्होंने कहा है कि अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की कोई योजना नहीं है। विभाग पूर्व सीएम की ऐसी किसी घोषणा को पूरा करने में समर्थ नहीं है। उधर स्कूल शिक्षा मंत्री से मुलाकात बेनतीजा रहने के बाद अब अतिथि शिक्षकों के सभी संगठन व्यापक आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में जुट गए हैं।
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