पूर्व सीएम शिवराज के करीबी उषा, मनोज ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के अभियान से क्यों बनाई दूरी

मध्यप्रदेश के इंदौर में पौधरोपण अभियान के दौरान पूर्व सीएम और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी विधायक, नेताओं ने दूरी ही बनाई रखी। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा है...

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक दिन में 11 लाख पौधे लगाने का अभियान हाथ में लिया और वर्ल्ड रिकार्ड रच दिया। लेकिन इस पूरे अभियान के दौरान पूर्व सीएम और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी विधायक, नेताओं ने दूरी ही बनाई रखी। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा है। 

यह नेता रहे दूर-दूर...

  • पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी नेताओं में सबसे पहला नाम देपालपुर विधायक मनोज पटेल का है। वह अभी भी हर पोस्टर में इन्हीं का फोटो सबसे पहले लगाते हैं। लेकिन इस पूरे आयोजन में उनकी दूरी ही रही। इसकी वजह भी है, मंत्री विजयवर्गीय ने एक मंच से कह दिया था कि मनोज पटेल जैसे भी जीत गए हैं इस विधानसभा में।   
  • विधायक उषा ठाकुर इनका अब विजयवर्गीय के साथ खुलकर मनमुटाव है। हालांकि इसकी शुरूआत तो साल 2018 के चुनाव में ही हो गई थी जब आकाश के टिकट के लिए उन्हें इंदौर तीन से महू भेज दिया गया था। फिर हाल ही में तब और विवाद हो गया, जब इंदौर एक जो कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा हैं, यहां निगम के रिमूवल एक्शन पर इन्होंने जाकर रोक लगा दी थी। 
  • विधायक मालिनी गौड़, भी इस आयोजन से दूर ही दिखी। हालांकि बताया जा रहा है कि वह अभी पारिवारिक आयोजन के चलते उदयपुर में हैं। लेकिन गौड़ की कभी भी विजयवर्गीय के साथ बहुत अधिक पटरी नहीं बैठी। उनके लिए जब महापौर के टिकट में नाम चला तो विजयवर्गीय गुट से किसी ओर का नाम आगे आया था। 
  • इसी के साथ आईडीए के पूर्व चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा भी बहुत ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए। सीएम डॉ. मोहन यादव के आगमन व अन्य कुछ कार्यक्रम तक ही वह सक्रिय रहे। वह भी पूरी तरह से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान गुट के ही है। 

अक्षय बम को मंच पर बैठाया, शुक्ला को जवाबदेही दी

विजयववर्गीय ने इस बार कांग्रेस से बीजेपी में आए, नेताओं पर अधिक भरोसा भी दिखाया। खासकर अक्षय बम को जिस तरह से तवज्जो मिल रही है, वह अब बीजेपी के अंदर ही कई नेताओं को दिक्कत हो रही है। खासकर स्पीकर ओम बिरला के आयोजन में तो मंच पर बम बैठे थे। वहीं कई नेता, एमआईसी मेंबर भी नीचे ही थे। जबकि बम तो कभी पार्षद का चुनाव भी नहीं लड़े हैं। वहीं विजयवर्गीय ने इस आयोजन में रेवती रेंज जैसी अहम जिम्मेदारी पूर्व कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के साथ ही पूर्व कांग्रेस विधायक विशाल पटेल को सौंपी, जो अब बीजेपी के हैं। साथ ही जीतू जिराती भी वहां डटे रहे।  

इंदौर में क्या बन रही बीजेपी की गुटीय स्थिति

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय पर इंदौर में खुलकर गुटबाजी थी, जिसमें उनके साथ सुदर्शन गुप्ता, मनोज पटेल, उषा ठाकुर, मालिनी गौड़ साथ थे, वहीं पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन जैसे वरिष्ठ नेता का भी इन्हें साथ था। उधर विधायक रमेश मेंदोला ही विजयवर्गीय के साथ पूरी तरह जुड़े थे, हालांकि शिवराज भी उन्हें पसंद करते थे लेकिन विजयवर्गीय के साथ राजनीतिक मतभेद के चलते उन्हें कोई पद नहीं मिला। वहीं आज की स्थिति बदली हुई है। प्रदेश में सक्रिय होने और मंत्री बनने के बाद आज विजयवर्गीय के साथ मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मेंदोला, गोलू शुक्ला साथ है। वहीं मधु वर्मा और महेंद्र हार्डिया का सभी के साथ जुड़ाव है। 

सीएम सभी को साथ लेना चाहते हैं

लेकिन राजनीतिक रूप से सीएम डॉ. मोहन यादव की एप्रोच दूरगामी है। वह जिस तरह से ताई महाजन से मिलने के लिए उनके घर गए। इससे संदेश दे दिया कि वह सभी के साथ है। पूर्व सीएम शिवराज के अभी प्रदेश राजनीति में दखल कम होने से उनके गुट के नेता तो सीधे सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ जुड़ने में जुटे हुए हैं, वहीं कुछ नेता ऐस भी है जो विजयवर्गीय गुट में होने के बाद भी भविष्य की राजनीति के हिसाब से सीएम यादव के साथ तानाबाना बुन रहे हैं। हालांकि सीएम और विजयवर्गीय के भी अच्छे राजनीतिक संबंध है, ऐसे में सभी को देर सबेर सीएम की छतरी के नीचे ही आना है।

thesootr links

  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

एक पेड़ मां के नाम अभियान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कैलाश विजयवर्गीय के अभियान