गोपाल भार्गव का फार्मूला : दीपा देंगी इस्तीफा, संगीता होंगी नई अध्यक्ष

सागर जिले की गढ़ाकोटा नगर परिषद में पूर्व मंत्री एवं विधायक गोपाल भार्गव द्वारा समझौता फार्मूला अपनाया गया जिसके तहत दो साल के बाद अध्यक्ष दीपा लहरिया ने इस्तीफा दिया। उनके स्थान पर संगीता तिवारी को अगले तीन वर्षों के लिए अध्यक्ष पद सौंपा जाएगा।

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CHAKRESH
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आमतौर पर नगर परिषद ( Municipal Council ) अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष होता है। लेकिन सागर जिले की गढ़ाकोटा नगर परिषद में इस बार अनोखा समझौता (agreement) किया गया। यह समझौता स्थानीय विधायक (MLA) एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) की पहल से संभव हुआ, जिसमें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को दो हिस्सों में बांट दिया गया। इसके अनुसार, दीपा लहरिया (Deepa Lahariya) ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, और उनके कार्यकाल का समापन दो साल में ही हो गया। अब अगले तीन साल के लिए संगीता तिवारी (Sangeeta Tiwari) को गढ़ाकोटा नगर परिषद की अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला, ऐसे समझें

दरअसल, विधायक भार्गव ने दो साल पहले यह समझौता कराया था ताकि नगर परिषद के चुनाव निर्विरोध (unopposed) कराए जा सकें। दीपा लहरिया और संगीता तिवारी दोनों ही अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी में थीं। भार्गव के इस 'समझौता फार्मूला' (agreement formula) के अनुसार, दो साल के लिए दीपा लहरिया और शेष तीन सालों के लिए संगीता तिवारी को अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया था। यह पहल इसलिए की गई थी कि दोनों पक्षों में टकराव को टाला जा सके।

हालांकि दीपा लहरिया की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन उनके पति और भाजपा (BJP) नेता दिनेश लहरिया का कहना है कि "वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव द्वारा तय किए गए समझौते के अनुसार दीपा ने त्यागपत्र दिया है।" विधायक भार्गव ने भी इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, "हमारे पास 23 पार्षदों का समर्थन है, और हम सभी ने आपसी सहमति से इस फैसले को लागू किया।"

निर्विरोध होगा संगीता तिवारी का निर्वाचन

दीपा लहरिया के इस्तीफे के बाद अब सागर कलेक्टर पार्षदों का सम्मेलन बुलाकर अगले अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया आरंभ करेंगे। चूंकि नगर परिषद के सभी 23 पार्षद भाजपा से जुड़े हैं, इसलिए पार्टी द्वारा चुने गए प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। संगीता तिवारी को पार्टी द्वारा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके निर्विरोध निर्वाचन की पूरी संभावना है।

क्या कहते हैं अधिकारी

नगरीय विकास एवं आवास विभाग (Urban Development and Housing Department) के उप सचिव (Deputy Secretary) आरके कार्तिकेय ने बताया कि दीपा लहरिया का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है, और सागर कलेक्टर को नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस खबर से जुड़े समान्य सवाल

गढ़ाकोटा नगर परिषद में अध्यक्ष पद का कार्यकाल कितने समय का होता है?
आमतौर पर नगर परिषद अध्यक्ष का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है, लेकिन इस बार विधायक गोपाल भार्गव द्वारा समझौता फार्मूला लागू किया गया, जिससे अध्यक्ष पद का कार्यकाल दो और तीन वर्षों में बांटा गया।
दीपा लहरिया ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्यों दिया?
दीपा लहरिया ने विधायक गोपाल भार्गव द्वारा तय किए गए समझौते के अनुसार अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, जिससे कि संगीता तिवारी को अगले तीन वर्षों के लिए अध्यक्ष बनाया जा सके।
संगीता तिवारी को कैसे अध्यक्ष चुना जाएगा?
संगीता तिवारी का निर्वाचन भाजपा के सभी 23 पार्षदों द्वारा किया जाएगा, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है।
इस समझौते का उद्देश्य क्या था?
समझौते का उद्देश्य था कि गढ़ाकोटा नगर परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में टकराव से बचा जा सके और निर्विरोध चुनाव संभव हो सके।
नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया कौन संचालित करेगा?
सागर कलेक्टर नए अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया संचालित करेंगे, जिसमें सभी भाजपा पार्षद मिलकर अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।

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