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संजय शर्मा @ BHOPAL. आम चुनाव ( General election ) के बाद सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा ये आज मतगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा। भीषण गर्मी और गहमागहमी के बीच हुए चुनाव के नतीजे भले कैसे भी रहें लेकिन वोटर नेताओं की कथनी और करनी के अंतर से खुश नहीं है। यह प्रदेश में चार चरणों में हुई वोटिंग ने साफ कर दिया है। प्रदेश में बीते आम चुनाव के मुकाबले इस बार करीब 6 फीसदी कम वोटिंग हुई है। 2019 में प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर 73% मतदान हुआ था जो 2024 में घटकर 66.87% रह गया है। राजनीति के जानकार वोटर्स की इस अरुचि को समझने के लिए गुणा-भाग लगा रहे हैं। द सूत्र ने भी प्रदेश की लोकसभा सीटों पर वोटिंग परसेंटेज में गिरावट की जानने की कोशिश की है। 2024 के लोकसभा चुनाव और पिछले मतदान के प्रतिशत में गिरावट का क्या पैटर्न कैसा रहा ये आपको बताते हैं।
पहले बात करते हैं लोकसभा चुनाव 2024 की। प्रदेश की 29 सीटों पर इस बार 369 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस बार भी भोपाल लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 22 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बीते आम चुनाव में भी इस सीट पर सबसे ज्यादा 30 प्रत्याशी मैदान में थे। जबकि सबसे कम 7 उम्मीदवार देवास सीट पर हैं। साल 2019 में भी देवास और भिंड सीट पर सबसे कम यानी 7-7 कैंडिडेट चुनाव लडे थे। इस बार कई सीटों पर चुनाव लडने वालों की संख्या भी कम हुई है। 2019 में 9 सीटों पर 20-20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। जबकि इस बार केवल भोपाल सीट पर ही 22 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
राजनीतिक पंडित इस चुनाव में कम हुए मतदान को लेकर भी अपने आंकलनों में जुटे हुए हैं। इस बार देश में सात और प्रदेश में चार चरणों में वोटिंग कराई गई है। वोट परसेंट बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के साथ साथ जिला प्रशासन, सोशल ग्रुप्स और राजनीतिक दलों ने भी खूब कोशिश की लेकिन नतीजे आशानुकूल नहीं रहे। 2019 के चुनाव में प्रदेश की लोकसभा सीटों पर 73% मतदान दर्ज किया गया था। जो इस बार 6 फीसदी घटकर 66.87% ही रह गया है। इस बार सबसे कम 54.93% वोटिंग भिंड सीट पर रही है। जबकि सबसे ज्यादा 79.83% मतदान छिंदवाड़ा में रिकॉर्ड किया गया है। साल 2019 में भी इन्हीं दो सीटों पर सबसे ज्यादा और कम वोटिंग दर्ज की गई थी। तब भिंड में 56.4% और छिंदवाड़ा में 85.7% मतदान हुआ था।