कुछ दिन पहले परिवहन विभाग (RTO) के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के दोस्त चेतन गौर की गाड़ी से आयकर विभाग ने 52 किलो सोना और करोड़ों रुपए नकद बरामद किए। यह घटना 19 दिसंबर की है। बता दें जब दोपहर करीब 2 बजे यह गाड़ी सौरभ शर्मा के घर के सामने से गुजरी थी। उस समय लोकायुक्त की टीम सौरभ शर्मा और चेतन गौर के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गाड़ी फॉर्म हाउस पर किसके निर्देश पर पहुंची। हालांकि, सौरभ शर्मा के घर से निकली इस गाड़ी की जानकारी पुलिस और आयकर विभाग को पहले ही मिल गई थी। इसके बाद रातीबड़ थाना पुलिस और आयकर विभाग की टीम करीब आधे घंटे के अंतराल में गाड़ी तक पहुंची।
पुलिस और आयकर विभाग में हुआ समझौता
पुलिस और आयकर विभाग के बीच तय हुआ कि अगर गाड़ी में लाश मिलती है, तो पुलिस कार्रवाई करेगी। अगर नकदी मिलती है, तो आयकर विभाग आगे की प्रक्रिया संभालेगा। पुलिस ने आयकर विभाग को लिखित में गाड़ी की तलाशी का अधिकार दिया।
गुप्त सूचना और पुलिस की सक्रियता
शाम करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध गाड़ी में नकदी और सोना रखा हुआ है। यह गाड़ी मेंडोरी के जंगल में खड़ी है। गुप्त जानकारी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और इनोवा गाड़ी की पहचान की, जो RTO के सिंबल के साथ खड़ी थी।
आयकर विभाग की तलाशी और भारी मात्रा में बरामदगी
रात 9 बजे आयकर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गाड़ी की तलाशी शुरू हुई। गाड़ी की डिग्गी और सीटों से नकदी और सोने के बैग बरामद हुए।
चेतन गौर की पत्नी थाने पहुंची
तलाशी के दौरान रात 2 बजे चेतन गौर की पत्नी रातीबड़ थाने पहुंची। उन्होंने शिकायत की कि उनका ड्राइवर गाड़ी लेकर गया है और फोन नहीं उठा रहा है। हालांकि, तब तक पुलिस को गाड़ी से नकदी और सोना बरामद हो चुका था।
सौरभ शर्मा की निगरानी और नई संपत्ति की जांच
सौरभ शर्मा ने लोकायुक्त की कार्रवाई को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मॉनिटर किया। इस दौरान गाड़ी को उनके घर से हटाने का निर्देश दिया गया। यह गाड़ी एक नई संपत्ति से निकली, जिसे हाल ही में सौरभ ने अपनी मां के नाम से खरीदा था।
जांच में नए मकान से दस्तावेज भी बरामद
लोकायुक्त और ईडी की जांच में उस मकान से भी कुछ दस्तावेज बरामद हुए, जहां से गाड़ी निकली थी। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि नकदी और सोना गाड़ी में पहले से थे या मकान से रखे गए।
सवालों के घेरे में लोकायुक्त की कार्रवाई
लोकायुक्त की कार्रवाई पर सवाल उठे कि सौरभ के नए मकान पर कोई टीम क्यों नहीं पहुंची, जबकि गाड़ी वहीं से निकली थी।
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