मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में रविवार यानी 15 सितंबर को सहकारी दुग्ध संघ के कर्मचारी संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को 50 हजार रुपए का बोनस दिया जाएगा। दूध की क्षमता बढने के बाद सहकारी दुग्ध संघ में संसाधन बढ़ाकर मजबूत किया जाएगा, जिसके लिए प्रदेश सरकार मदद करेगी।
मप्र तीसरे नंबर पर
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघ के कर्मचारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में हम दूध उत्पादन का आंकड़ा देखें तो मप्र का तीसरा नंबर है, लेकिन मात्रा देखेंगे तो देश में 9 प्रतिशत है। इसी तरह भौगोलिक रूप ( geographical form ) से भी मप्र राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर है। हालांकि दूध उत्पादन ( milk production ) के लिए बड़ा सेक्टर सहकारिता का है।
किसानों को बोनस
सीएम ने कहा कि नेशनल डेयरी बोर्ड ( National Dairy Board ) के माध्यम से हमारे दुग्ध संघ ( milk union ) को जोड़कर किसानों को दूध पर बोनस देंगे, जिससे दूध अधिक मात्रा में आएगा जिसे खपाने के लिए दुग्ध संघ की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए संसाधनों के लिए सरकार मदद करेगी।
सरकार ने रखी शर्ते
सीएम ने कहा कि नेशनल डेयरी बोर्ड से जोड़कर हम भी आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे है, जिसके लिए सरकार ने दो शर्त रखी है। पहली हमारे साथ काम करने वाले कोई भी अधिकारी और कर्मचारी या आउटसोर्स कर्मचारी बाहर काम नहीं करेगा जो रहेंगे वे अंदर ही काम करेंगे। इसी के साथ और चार आदमी काम पर रखे जा सकेंगे, लेकिन किसी को निकाला नहीं जाएगा। वहीं सरकार की दूसरी शर्त है कि हमारे अपने दुग्ध संघ की जो क्षमता है उसे डबल किया जाए।
उज्जैन दुग्ध संघ की क्षमता में वृद्धि
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दुग्ध सहकारी संघ को मजबूत बनाने के साथ-साथ किसानों के लिए जितनी भी राशि चाहिए वह दी जाएगी। धरातल स्तर तक दुग्ध सहकारी संघ की भूमिका को प्रभावी बनाया जाएगा। वर्तमान में उज्जैन दुग्ध संघ की ढाई लाख टन क्षमता में वृद्धि कर 10 लाख टन तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके प्रॉफिट को भी बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए तक ले जाया जाएगा।
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