इंदौर लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनार्मुर रहमान बोले- दबाव, धमकाव में नहीं हो कार्रवाई, घेरे में तत्कालीन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

लॉ कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ABVP के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए कॉलेज फैकल्टी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें लव जिहाद, मुगलों को महिमा मंडित चीजें पढ़ाने जैसे आरोप थे। मामले में उच्च शिक्षा मंत्री और गृह मंत्री की एंट्री के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
New Update
 Dr Inamur Rahman Controversy
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शासकीय लॉ कॉलेज प्रिंसिपल ( Government Law College ) डॉ. इनामुर्र रहमान ( Dr. Inamur Rahman ) पर दो दिसंबर 2022 में दर्ज हुई एफआईआर खारिज हो गई है। इस मामले में द सूत्र ने प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह डरावना सपना था। मैं यही कहूंगा कि पुलिस और शासन के अधिकारियों को दबाव, धमकाव में कार्रवाई नहीं करना चाहिए।

तत्कालीन गृहमंत्री मिश्रा के दखल से हुई थी FIR

दरअसल जब यह मामला उछला तो इसमें सीधे तौर पर तत्कालीन गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ही दखल दिया और तत्कालीन पुलिस कमिशनर हरिनारायण चारी मिश्र से जांच कर कार्रवाई के लिए कहा था। 24 घंटे के भीतर जांच भी हो गई और भंवरकुआं थाने पर प्रिंसिपल रहमान के साथ ही विवादित पुस्तक की लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोजिज और अमर लॉ पब्लिकेशन के प्रकाशक के खिलाफ पुलिस ने धारा 153 A, 295 A, 504, 505, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया। लेखिका की किताब "सामूहिक हिंसा एवं दण्डिक न्याय पद्धति" को लेकर विवाद था। 

यह लगाए थे आरोप

लॉ कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने एबीवीपी के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए कॉलेज फैकल्टी के खिलाफ कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें लव जिहाद, मुगलों को महिमा मंडित करना व सिलेबस से बाहर की चीजें पढ़ाने जैसे आरोप शामिल थे। मामले में उच्च शिक्षा मंत्री और गृह मंत्री की एंट्री के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।

क्या बोल रहे प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्र रहमान

पूरे मामले में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या कहेंगे
रहमान- सुप्रीम कोर्ट ने मेरे साथ न्याय किया है, मुझे ज्यूडिसरी पर हमेशा विश्वास रहा है और अब और अटूट हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया

रहमान- सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जो एफआईआर थी वह पूरी निरस्त कर दी है। लाइब्रेरी की किताब कोई भी रख सकता है। किताब अच्छी-बुरी हो सकती है लेकिन इसके आधार पर केस नहीं हो सकता है। 

आपने क्या पक्ष रखा था

रहमान - शुरू से ही कहा कि किताब 2014 में खरीदी गई मैं 2019 में आया मैंने खरीदी नहीं, तो फिर केस क्यों?

आपके क्यों ऐसा हुआ

रहमान- मेरी किस्मत में यही होगा 36 साल का करियर बेदाग रहा, अंतिम दौर में रिटायमेंट के समय हुआ। बहुत दुख देने वाली थी, ऊपर वाले और दोस्त, मित्र मेरे साथ रहे। लेकिन डरावने वाला अनुभव रहा, जीवन में मैं कभी इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं रहा।

आपके साथ किसने गलत किया, सिस्टम ने पुलिस ने या एबीवीपी ने

रहमान- मैं किसी को जिम्मेदार नहीं मानता, जिन्होंने शिकायत की वह गलत तो था, जो हुआ उसे बुरा ख्वाब देखकर भूल गया। 
क्या आप उस समय विधानसभा चुनाव के कारण राजनीति का मोहरा बने

रहमान- मैं यह नहीं कह सकता है चुनाव राजनीति का मोहरा बना कि नहीं, यह इत्तेफाक था कि चुनाव होने थे। उस समय दूसरों ने इसे जोड़ने का प्रयास किया। मैं तो शैक्षणिक व्यक्ति हूं, राजनीति से वास्ता नहीं रहा। 

क्या मुस्लिम होने के कारण आप टारगेट पर आए

रहमान- नहीं यह नहीं कह सकता हीं, उस दौरान कई लोग मेरे साथ खडे थे वह मुस्लिम नहीं थे। इत्तेफाक था हिंदू-मुस्लिम बनाने का प्रयास कया गया, हो सकता है। उनकी मानसिकता कैसे ऐसे बनी और कौन था इसके पीछे नहीं पता। 

क्या कॉलेज में एडमीशन नहीं करने के कारण यह हुआ

रहमान- इसे लेकर दबाव तो रहता है, दबाव बनया जाता है। लेकिन यह सब भोपाल पोर्टल से एडमीशन होता है हमारा कोई रोल नहीं होता, लेकिन छात्र नहीं मानते। कुछ नाराज थे, कहते थे हमारे एडमीशन होना चाहिए। 

क्या अब भी आगे शासन के साथ काम करेंगे

रहमान- शासन सिस्टम है, मैं इसका हिस्स हूं, हमेशा जुड़ा रहूंगा। सिस्टम में अच्छी और बुरी बात होती है। शासन को दोष नहीं दे सकते हैं। मैं शासन की नीतियों के साथ हूं। 

क्या सीख देंगे इस घटना से

रहमान- कम से कम सिस्टम में जिम्मेदार अधिकारियों, पुलिस व अन्य को इस तरह की स्थिति में सही जांच करना चाहिए। मेरे परिवार, दोस्तों ने बहुत झेला है। शासन अधिकारी कम से कम यह देखें कि क्या सही क्या गलत है? दबाव में आकर ऐसी स्थिति नहीं होन चाहिए और पूरी कानूनी प्रक्रिया होन चाहिए। दबाव और धमकाव से कोई काम नहीं होना चाहिए।

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें