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जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) में इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी, बोगस बिलिंग रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए चुपचाप जीएसटी पोर्टल में बड़े बदलाव कर दिए गए हैं। इसके तहत हर कारोबारी की पूरी जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक कर दी गई है।
यह जानकारी की जा रही है सार्वजनिक
व्यापारी द्वारा जमा किए गए GST की राशि, कारोबार का पूरा ब्यौरा, उसके दफ्तर का पता, गोदाम, व्यवसाय स्थल की जानकारी यह सभी सार्वजनिक की जा रही है। वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल कहते हैं कि जीएसटी की इस व्यवस्था से बड़ा बदलाव आएगा। वित्तीय साल 2023-24 से रिटर्न के रिकॉर्ड के साथ सप्लाई आदि की भी जानकारी पोर्टल पर मौजूद है। कारोबारी ने कितना टैक्स दिया यह भी दिख रहा है।
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ऐसा कदम क्यों उठाया जा रहा है
जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा इसका सबसे बड़ा कारण है। जीएसटी से यह सुविधा लेने के लिए लोगों ने फर्जी कंपनी गठित कर ली और इनसे बोगस बिल बनाकर देना शुरू कर दिए। ऐसे में इन बोगस बिलों का फायदा उठाकर टैक्स चोरी की जाती है। वहीं इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि बीच की फर्जी चैन होने के चलते अंत में ईमानदार कारोबारी फंसता है, जिसे कोई व्यापारी यह बोगस बिलिंग करके दे देता है। व्यापारी को पता ही नहीं चलता है कि उसके साथ बोगस बिलिंग हो गई है। ऐसे में टैक्स भरने का जिम्मा अंतिम तौर पर उसके ऊपर आ जाता है। वहीं यह फर्जी कंपनियां बोगस बिल काटकर दो-तीन माह में ही गायब हो जाती हैं और फिर नए नाम से कंपनी बनाकर बोगस बिलिंग करती हैं।
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