गुजरात के रहने वाले महेंद्र सिंह परमार (71 साल) हालही में साइकिल से 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर निकले थे। इस बीच रविवार (19 मई) को मध्य प्रदेश के गुना में सड़क किनारे मृत पाए गए। वहीं राहगीरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया कि महेंद्र सिंह परमार सूरत के एक वॉटर बॉटलिंग प्लांट से रिटायर्ड सुपरवाइजर थे और वो 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए साइकिल यात्रा पर निकले थे। इस बीच उन्हें मध्य प्रदेश के गुना में सड़क किनारे मृत पाए गए। वहीं राहगीरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि महेंद्र सिंह परमार सूरत के एक वॉटर बॉटलिंग प्लांट से रिटायर्ड सुपरवाइजर थे और वो 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए साइकिल यात्रा पर निकले थे।
पिछले दिनों पहुंचे थे गुना
भावनगर से लगभग 750 किमी दूर महेंद्र सिंह पिछले दिनों साइकिल से गुना शहर पहुंचे थे। जिसके बाद वह कैंट पुलिस थाना क्षेत्र के पास आराम करने के लिए रुके थे। यहां मौजूद लोगों ने उन्हें पहले वहीं बैठे हुए देखा और फिर कुछ ही देर के बाद वो वहीं लेट गए। ऐसे में लोगों को लगा कि वो आराम कर रहे होंगे, लेकिन जब बहुत देर तक वह नहीं उठे तो स्थानीय नागरिकों ने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने डॉक्यूमेंट के आधार पर मृत महेंद्र सिंह परमार की पहचान की थी।
पत्नी को किया सूचित
इसके बाद महेंद्र सिंह परमार की पत्नी नैना बेन, बेटे और बेटी को सूचना दी गई, जो सोमवार सुबह गुना पहुंचे। नैना बेन ने कहा कि उनके पति एक धार्मिक व्यक्ति थे, जिन्होंने पैदल ही नर्मदा परिक्रमा की थी।सोमवार को जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।
thesootr links