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गुना में पेशाब कांड का एक मामला सामने आया है। यहां बंजारा समाज के एक युवक का उसके ही रिश्तेदारों ने अपहरण कर तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा। उसे जबरन पेशाब पिलाई गई। उसके गले में जूतों की माला पहनाकर, उसका मुंडन कर पूरे गांव में घुमाया गया।
रिश्तेदारों ने अपहरण कर बंधक बनाकर रखा
जानकारी के मुताबिक गुना में युवक महेंद्र सिंह के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है। यहां बंजारा समुदाय के एक युवक को उसके ही रिश्तेदारों ने अपहरण कर तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा। उसे जूतों की माला और महिलाओं के कपड़े पहनाए, मुंह पर कालिख पोतकर बाल भी काट दिए। इसके बाद उसे पूरे गांव में घुमाया।
पेशाब पिलाई, मुंडन कर घुमाया
महेंद्र अपने खेतों में घूरा (खाद) फेंकने का काम कर रहा था। इस दौरान गांव में ही रहने वाले सोदान संह, गुमान सिंह, ओगकार सिंह के साथ 10-12 लोग एक जीप में आए और उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गए। यहां बदन बंजारा, छोटू बंजारा, रमेश बंजारा, तोफान बंजारा, प्रेम बंजारा, गेंदा सिंह, कालूराम, गुलाब और मथरीबाई आदि ने मारपीट की। उसे घांगरा और जूतों की माला पहनाई, पेशाब पिलाया।
कार्रवाई नहीं हुई तो आत्महत्या कर लूंगा
इसके बाद उन्होंने मारपीट के वीडियो डालकर 25 लाख रुपए मांगे। महेंद्र के पिता फूल सिंह के अनुसार पुलिस ने दवाब बनाया और वह 20 लाख की जमात (तीन दिन में रुपए चुकाने का वादा) भरकर आया तब जाकर उन्होंने लड़के महेंद्र को शनिवार को छोड़ा। वहीं पीड़ित युवक थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की। हालांकि बाद में ये मामला एसपी के संज्ञान में आने के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
धरनावदा थाना प्रभारी ने ये कहा
वहीं जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि महेंद्र के चाचा की लड़की की शादी रमेश से हुई थी। उसने दूसरी औरत रख ली तो उनकी लड़की भाग गई। यह लोग उसके हाथ का खाना नहीं खाते थे और मारपीट करते थे। इसकी भी शिकायत की गई थी। इसीलिए यह लोग धोखे से महेंद्र को ले गए और उसके साथ इस तरह की बर्बरता की। महेंद्र के भाई तूफान ने बताया कि महेंद्र और उसका जीजा साथ में घूरा डालने का काम करते थे। पिछले एक महीने से वे साथ में ट्रैक्टर लेकर जा रहे थे, लेकिन चार-पांच दिन पहले उन्होंने धोखा कर दिया। इस मामले में धरनावदा थाना प्रभारी राजेंद्र चौहान का कहना है कि फरियादी झूठ बोल रहा है। वह अपने जीजा के साथ खुद चला गया था। इनका झगड़ा टूटना था और उसके लिए पंचायत होना थी। पंचायत होती तो इन्हें लड़के वालों को रुपए देने पड़ते। इससे बचने के लिए यह चाह रहे हैं कि अपहरण की कायमी हो जाए। वह खुद दूसरी पार्टी के साथ गया था और वहां थोड़ी बहुत मारपीट हो गई।