परीक्षा से बचने के लिए किशोर का खेला, पुलिस-परिवार के उड़ गए होश

यह छात्र बड़ा ही शातिर और चंचल था। उसने अपने अपहरण की सूचना देकर ऐसा बवाल काटा की पुलिस परेशान हो गई। विश्वास में लेकर छात्र से पूछताछ की गई तो उसने असली बताकर सबको स्तब्ध कर दिया।

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Dr Rameshwar Dayal
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परीक्षा में पास होने के लिए दूसरे को बिठाकर परीक्षा पास कर लेना तो आम बात है। लेकिन परीक्षा न देने के लिए भी छात्र प्रपंच कर सकते हैं, ऐसा कम ही देखने को मिलता है। उत्तर प्रदेश के इटावा का एक छात्र दसवीं की गणित की परीक्षा से बचने के लिए ग्वालियर पहुंच गया। वहां उसने जो ‘कहानी’ बनाई, उससे पुलिस के होश उड़ गए। जब पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर पूछा तो उसने जो बताया, वह हैरान करने वाला था। फिलहाल यह छात्र अपने घर पहुंच चुका है। पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।

ग्वालियर पहुंचकर चौका दिया पुलिस को

बताते हैं कि सोमवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 15 साल के एक किशोर ने रेलवे पुलिस को रोका और बताया कि कुछ लोगों ने कार में उसको किडनैप कर लिया था। लेकिन वह बड़ी मुश्किल से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूट भागा है। उसने पुलिस को यह जानकारी देकर सनसनी फैला दी कि कार में तीन-चार बच्चे भी और थे। पुलिस को लगा कि यह कहीं सामूहिक अपहरण का मामला तो नहीं है, इसलिए तुरंत आला अफसरों को सूचित किया। पुलिस उस कार को तलाशने की कोशिश में जुट गई। इसके लिए सीसीटीवी खंगाले गए, बच्चा जहां से भागा था, वहां भी जांच की गई, लेकिन मसला उलझन से ही भरा रहा।  

गणित की परीक्षा से घबराकर बना ली यह कहानी

अफसरों ने किशोर से पूछा कि वह चंगुल से कैसे छूट गया तो उसने बताया कि स्टेशन पर अपराधी चाय पीने के लिए रूके थे और वह मौका मिलते भी भाग निकला। पुलिस ने वहां जांच की तो वहां कोई चश्मदीद भी नहीं मिला। इस तफ्शीश के बाद पुलिस को इस अपहरण केस में कुछ झोल लगा। किशोर को विश्वास में लेकर पूछा गया तो उसने जो बताया, वह हैरानी भरा था। किशोर ने बताया कि वह इटावा में रहता है और वहां उसका दसवीं का गणित का पेपर था। वह गणित से बेहद घबराता है। इसलिए उसने परीक्षा न देने के लिए घर छोड़ने का मन बना लिया। वह वहां से ट्रेन पकड़कर सीधे ग्वालियर आ गया और बचने के लिए अपहरण की कहानी बना और सुना दी। पुलिस ने राहत की सांस ली ओर ईटावा पुलिस को सूचित किया। इसके बाद उस छात्र के परिजन वहां पहुंचे। पुलिस ने छात्र को उसके परिजनों को सौंप दिया।

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