ग्वालियर-चंबल मुरैना क्षेत्र में अवैध गर्भपात करने वाले आरोपी पंकज तिवारी को पुलिस ने छह साल बाद राजस्थान के धौलपुर से दबोच लिया। आरोपी पर मुरैना और ग्वालियर में अवैध गर्भपात, भ्रूण लिंग परीक्षण और कई अन्य अपराधों के आरोप थे। इस आरोपी को पकड़ने के लिए ग्वालियर और मुरैना कलेक्टर ने संयुक्त रूप से एक ऑपरेशन चलाया और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों ने इसे अंजाम दिया।
गर्भपात के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति
इस मामले में आरोपी पंकज तिवारी लंबे समय से भ्रूण लिंग परीक्षण करता था और मरीजों से मोटी रकम ऐंठता था। 2019 में ग्वालियर में पंकज तिवारी के खिलाफ अवैध गर्भपात के आरोप में केस दर्ज किया गया था, लेकिन वह लगातार पुलिस की पकड़ से बचता रहा। इस बार ग्वालियर और मुरैना कलेक्टर ने मिलकर आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई और ऑपरेशन को अंतिम रूप दिया।
मुरैना में हुए स्टिंग ऑपरेशन की सफलता
टीम ने मुरैना की आशा कार्यकर्ता सुनीता जाटव से संपर्क किया, जो आरोपी से जुड़ी हुई थी। सुनीता ने 18,000 रुपये में गर्भपात करने का वादा किया, और यह जानकारी मिलते ही ग्वालियर से एक गर्भवती महिला को उसकी ननद बनाकर मुरैना भेजा गया। महिला और उसकी ननद को राजस्थान के धौलपुर में भेजने के बाद पंकज तिवारी को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
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ऐसे हुआ आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार
पंकज तिवारी ने अपने ड्राइवर से गाड़ी भगाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आरोपी ने बताया कि वह प्रतिदिन एक लाख रुपये कमा रहा था। आरोपी को पुलिस ने पीएनडीटी एक्ट (PC & PNDT एक्ट) के तहत गिरफ्तार किया।
प्रदेश से बाहर भी थीं गतिविधियाँ
पंकज तिवारी के खिलाफ ग्वालियर में एक और मुरैना में तीन मामले पहले से ही दर्ज हैं। उसकी गतिविधियां केवल ग्वालियर और मुरैना तक ही सीमित नहीं थीं, बल्कि वह राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी यह गैरकानूनी धंधा चला रहा था।
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