मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां के एक युवक ने बर्गर बड़ी कैफे से जोमैटो के जरिए वेज बर्गर ऑर्डर किया, लेकिन उसे नॉन-वेज बर्गर डिलीवर कर दिया गया। वहीं युवक ने जब यह देखा, तो उसने जोमैटो से शिकायत की। इसके बाद उसे 175 रुपए वापस मिले और फिर 500 रुपए का बोनस भी दिया गया। हालांकि, युवक को लगा कि सिर्फ पैसे वापस करने से मामला हल नहीं होगा, क्योंकि यह बड़ी लापरवाही थी और इससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं। इसलिए उसने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कर दी।
उपभोक्ता फोरम का फैसला
युवक के शिकायत पर उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में जोमैटो और बर्गर बड़ी को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों को आशीष शर्मा को 5-5 हजार रुपए मुआवजे के रूप में और 1-1 हजार रुपए केस खर्च के रूप में देने का आदेश दिया। 20 मार्च को सुनाए गए इस फैसले में, फोरम ने यह भी माना कि युवक की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, जिससे उसे मानसिक दुख हुआ।
जोमैटो और बर्गर बड़ी का तर्क
जोमैटो ने अपनी सफाई में कहा कि वह केवल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है और बर्गर बड़ी की गलती के लिए उत्तरदायी नहीं हो सकता। वहीं, बर्गर बड़ी ने दावा किया कि जोमैटो ने वही डिलीवरी की थी जो ऑर्डर में था और ग्राहक ने खुद अपना ऑर्डर बदला था।
फोरम ने इन दोनों तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि यदि आशीष ने ऑर्डर बदला होता, तो उसे अतिरिक्त 500 रुपए बोनस क्यों दिए गए थे?
धार्मिक भावनाओं का मामला
फोरम के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि बर्गर बड़ी और जोमैटो दोनों ने ब्राह्मण युवक को नॉन-वेज बर्गर देकर उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया। इसलिए, दोनों कंपनियों को 45 दिनों के भीतर युवक को मुआवजा देने का आदेश दिया।
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