अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय न छोड़ने के आदेश! भारत-पाक तनाव के बीच अस्पताल भी अलर्ट पर

ग्वालियर में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जेएएच अस्पताल ने आवश्यक तैयारियां शुरू की हैं, जिसमें अस्पताल का अलर्ट मोड, ट्रॉमा सुविधा, और दवाओं की उपलब्धता शामिल है।

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Sourabh Bhatnagar
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भारत द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए जेएएच अस्पताल में तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। अस्पताल के प्रत्येक विभाग, इमरजेंसी यूनिट और ट्रॉमा वॉर्ड को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

जीआरएमसी (ग्वालियर मेडिकल कॉलेज) के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कॉलेज के बोर्ड रूम में निर्देश दिए कि सभी विभागाध्यक्ष, संबंधित इंचार्ज एवं अस्पताल प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी अपना फोन 24 घंटे चालू रखें, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल संपर्क किया जा सके।

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अस्पताल में अलग-अलग दल गठित

अस्पताल के पानी, बिजली, और अग्नि सुरक्षा को लेकर अलग-अलग दल गठित किए गए हैं। जेएएच अस्पताल के अधीक्षक  और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि वे आईसीयू और वार्ड में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या के साथ-साथ प्रतिदिन भर्ती और डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की जानकारी अस्पताल के सभी विभागों से लें। यह जानकारी विशेष रूप से उन स्थितियों के लिए जरूरी है जब अस्पताल को ज्यादा मरीजों का सामना करना पड़े।

ट्रॉमा और दवाओं की तैयारी

आपातकालीन स्थिति में ट्रॉमा का एक्सटेंशन कहा और कितनी संख्या में किया जा सकता है, इसकी भी व्यापक तैयारी की गई है। सभी चिकित्सालयों में इमरजेंसी दवाओं और अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा सेवाएं बिना किसी रुकावट के जारी रह सकें। इसके अलावा, मैनी फोल्ड और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ रखा गया है।

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एंबुलेंस को पूरी तरह से तैयार

अस्पताल की सभी एंबुलेंस को पूरी तरह से तैयार रखा गया है। जो एंबुलेंस संचालन की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराकर संचालन में लिया जाएगा। इसके साथ ही स्ट्रेचर पॉइंटों पर स्ट्रेचर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि मरीजों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।

सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना अधोहस्ताक्षरकर्ता की लिखित अनुमति के मुख्यालय से बाहर न जाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी भी प्रकार की समस्या न हो।

ग्वालियर में है सेना का एयर फोर्स स्टेशन

ग्वालियर का एयर फोर्स स्टेशन केंद्रीय वायु सेना कमांड के लिए एक अहम जगह है। यह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एयर फोर्स (RAF) के स्टेजिंग पोस्ट के रूप में कार्य कर चुका है। 1950 में ग्वालियर को भारतीय वायु सेना के एक नए बेस के रूप में चुना गया था। 1985 में मिराज 2000 को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया और तब से ग्वालियर मिराज 2000 बेड़े का मुख्य स्टेशन बन गया।

1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन के मिराज 2000 विमान दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में आगे थे। इन विमानों ने अहम भूमिका निभाई और युद्ध में भारतीय सेना के लिए अहम रणनीतिक समर्थन प्रदान किया।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत ने महज 14 दिन के भीतर इसका कड़ा जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई 2025 की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। खबरों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।

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