मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मौजूद एक नामी स्कूल के हॉस्टल में एक नाबालिग छात्र के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में आरोपी सीनियर छात्र को बाल सुधारगृह भेज दिया गया है। जबकि पीड़ित छात्र के बयान पुलिस ने रिकॉर्ड कर लिए हैं। पुलिस पूछताछ के आधार पर मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि पीड़ित छात्र काफी डरा हुआ है।
बता दें, 12 वर्षीय पीड़ित कक्षा 7 का छात्र है, जबकि आरोपी नौवीं कक्षा में पढ़ता है। दोनो ही नाबालिग हैं। ये दोनों ही स्कूल के छात्रावास में रहते हैं।
दहशत में है पीड़ित छात्र
पुलिस ने पीड़ित जूनियर और आरोपी सीनियर छात्र का मेडिकल करवाया है। इसके बाद पीड़ित छात्र के 164 धारा के तहत बयान दर्ज किए गए हैं। पीड़ित ने पुलिस को पूरी घटना डिटेल में बताई है। फिलहाल पीड़ित से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है।
पीड़ित छात्र के परिजन ग्वालियर में ही हैं, लेकिन कुछ फॉर्मेलिटी की वजह से वह उसे फिलहाल अपने साथ नहीं ले जा पा रहे हैं। वहीं आरोपी सीनियर छात्र को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया है। यहां से कोर्ट ने उसे बाल सुधार गृह भेज दिया।
जानिए पूरा मामला...
दरअसल ग्वालियर के एक प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल में सीनियर छात्र द्वारा जूनियर छात्र के साथ दुष्कर्म ( कुकृत्य) करने का मामला सामने आया था।
स्वास्थ्य केंद्र में स्कूल की कक्षा 7वीं का छात्र और एक कक्षा 9वीं का छात्र अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर गए थे। स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने दोनों ही छात्रों को भर्ती कर लिया। इसी दौरान जब स्वास्थ्य केंद्र में कोई नहीं था, तब 9वीं के छात्र ने 7वीं के छात्र के कपड़े खोलने का प्रयास किया फिर उसे बाथरूम में ले गया और जबरन उसके साथ कुकर्म किया।
इस दौरान जब जूनियर ने चिल्लाने का प्रयास किया तो सीनियर ने उसका मुंह दबा दिया फिर चेतावनी देकर चला गया। घटना के बाद पीड़ित छात्र ने अस्पताल की नर्स को पूरी बात बताई फिर नर्स ने डाक्टर को बताया और डाक्टर ने स्कूल के प्रबंधन को घटना की जानकारी दी।
प्रिंसिपल ने दर्ज करवाई थी रिपोर्ट
दुष्कर्म की घटना की बात सामने आने के बाद प्रिंसिपल ने बहोड़ापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। स्कूल प्रबंधन ने दोनों बच्चों के परिजनों को फोन करके बुलाया था।
क्या होते है धारा 164 के तहत बयान: धारा-164 के तहत बयान दर्ज करते समय मजिस्ट्रेट गवाह से पूछता है कि उस पर कोई दबाव तो नहीं है। गवाह जब बताता है कि वह अपनी मर्जी से बयान दे रहा है, तब मजिस्ट्रेट उसे कलमबंद करता है।
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